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भारत लौटने पर विनेश फोगाट ने दिए संन्यास वापस लेने के संकेत, कहा- लोगों के प्यार से मिली है बहुत हिम्मत

चरखी दादरी: भारतीय पहलवान विनेश फोगाट शनिवार को भारत वापस लौट आई हैं। इस दौरान विनेश के स्वागत में दिल्ली एयरपोर्ट से उनके पैतृक गांव बलाली तक 135 किलोमीटर लंबा रोड शो निकाला गया। पेरिस ओलंपिक में मेडल न मिलने

चरखी दादरी: भारतीय पहलवान विनेश फोगाट शनिवार को भारत वापस लौट आई हैं। इस दौरान विनेश के स्वागत में दिल्ली एयरपोर्ट से उनके पैतृक गांव बलाली तक 135 किलोमीटर लंबा रोड शो निकाला गया। पेरिस ओलंपिक में मेडल न मिलने की निराशा के बाद विनेश ने संन्यास का ऐलान किया था। अब उन्होंने संन्यास वापस लेने के भी संकेत दिए है।

भारत लौटने पर बलाली गांव में माता-पिता, खाप पंचायतों और ग्रामीणों ने विनेश फोगाट का भव्य स्वागत किया था। विनेश ने सबसे पहले हनुमान मंदिर में माथा टेका। इसके बाद गांव के खेल स्टेडियम में विनेश फोगाट को एक ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट की तरह सम्मानित किया। मंच पर विनेश की तबीयत भी बिगड़ गई थी। इसके बाद विनेश ने कुर्सी पर बैठकर ही लोगों को संबोधित किया।

विनेश ने कहा, ओलंपिक मेडल का घाव गहरा है, लेकिन रेसलिंग छोड़ने पर कुछ नहीं कह सकती। मेरी लड़ाई जारी रहेगी। घाव को भरने में बहुत समय लगता है। लेकिन आज जो गांव और देश का प्यार देखा है, इससे मेरे घाव भरने में हिम्मत मिलेगी। जिस रेसलिंग को मैं छोड़ना चाहती थी, या छोड़ दिया है, मैं इस पर कुछ नहीं कह सकती। आज के प्यार से मुझे बहुत हिम्मत मिली है।

विनेश ने कहा कि जिंदगी की लड़ाई बहुत लंबी है। हमारी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। एक छोटा सा हिस्सा मैं पार कर आई हूं। यह भी अधूरा रह गया। हम एक साल से लंबी लड़ाई लड़ रहे हैं, वह आगे भी जारी रहेगी। मैं खुद को बहुत भाग्यशाली मानती हूं कि मैंने ऐसे देश, प्रदेश और बलाली गांव में जन्म लिया है। आज मैं गांव का कर्ज अदा करने में अपनी भूमिका निभा पाई हूं।

विश्व चैंपियनशिप में दो बार की पदक विजेता विनेश ने उम्मीद जताई कि गांव का कोई खिलाड़ी उनकी विरासत को आगे बढ़ाएगा और उनसे अधिक सफलता हासिल करेगा। उन्होंने कहा, मैं चाहती हूं कि गांव के हर एक घर से मेरी एक बहन निकले जो मेरे रेसलिंग के रिकॉर्ड तोड़े। मेरी बहनों की जो भी सहायता होगी मैं वो करूंगी।

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