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action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114नई दिल्ली: क्रिकेट में मैदान पर अनहोनी होना कोई नई बात नहीं। ऐसा ही कुछ बेंगलुरु टेस्ट में टीम इंडिया के साथ हुआ, जहां एक गलत फैसला टीम पर भारी पड़ गया और उनकी जग हंसाई हो रही है। फैसले कभी सही होते हैं तो कभी गलत। न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में भी रोहित शर्मा का फैसला टीम के लिए गलत साबित हुआ।
बेंगलुरु की पिच को कप्तान साहब ने गलत जज किया और टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करना टीम पर भारी पड़ गया। पतझड़ की तरह टीम के बल्लेबाज पवेलियन लौटते चले गए, आलम ऐसा था कि पांच भारतीय बल्लेबाज तो अपना खाता भी नहीं खोल पाए। मात्र 46 रन पर पूरी भारतीय पारी सिमट गई और अब न्यूजीलैंड ने उसी पिच पर अपनी पहली पारी में 402 रन का विशाल स्कोर बनाया।
भारतीय कप्तान के एक फैसले के कारण 36 साल पुराना इतिहास पलटता दिख रहा है और, अगर ऐसा हुआ तो मुख्य कोच गौतम गंभीर के लिए यह काफी बड़ा झटका होगा। रोहित ने भी फैसले को गलत मानते हुए स्वीकार किया है कि उनसे पिच को पढ़ने में भूल हुई।
क्या है इसका 36 साल के इतिहास से कनेक्शन?, दरअसल इसमें कोई दो राय नहीं कि टॉस जीतकर रोहित शर्मा का पहले बल्लेबाजी करने का फैसला टीम इंडिया के लिए आत्मघाती रहा। उनके इस फैसले ने अब 36 साल के इतिहास को पलटने की उम्मीद जगा दी है। यहां 36 साल के इतिहास से मतलब न्यूजीलैंड के भारत में टेस्ट मैच जीतने से है।
न्यूजीलैंड ने भारतीय जमीन पर आखिरी बार टेस्ट मैच 36 साल पहले यानी 1988 में जीता था। अब, कीवी टीम के पास मौका है भारत के खिलाफ उसके घरेलू मैदान पर एक यादगार जीत दर्ज करने का और वो इस समय बेंगलुरु टेस्ट में मजबूत स्थिति में है।
एक तो अपने ही देश की जमीन पर टेस्ट मैच में 46 रन पर लुढ़कने का रिकॉर्ड बना। अब ऊपर से 36 साल बाद भारत में न्यूजीलैंड ने टेस्ट मैच भी जीत लिया तो गंभीर की कोचिंग में वो सब होता दिखेगा, जो पहले नहीं दिख रहा थ। ऐसे में उन पर भी सवाल उठना लाजमी है।
हालांकि, टीम इंडिया के पास अभी भी एक पारी है। बेंगलुरु टेस्ट में अभी काफी खेल भी बचा है। मगर, भारतीय टीम को एक बड़ी हार से बचने के लिए दमदार प्रदर्शन करना होगा और ऐसा भारतीय टीम कई बार पहले भी कर चुकी है।