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अपने रोल को लेकर स्पष्टता के लिए Sanju Samson ने की भारतीय टीम मैनेजमेंट की सराहना

नई दिल्ली: भारतीय विकेटकीपर-बल्लेबाज संजू सैमसन ने बांग्लादेश के खिलाफ 3-0 से टी20 सीरीज जीत दिलाने के बाद अपनी शानदार 111 रनों की पारी के लिए टीम मैनेजमेंट का शुक्रिया अदा किया, जिन्होंने उन्हें पहले से ही उनकी भूमिका को लेकर स्पष्टता दे दी थी। सैमसन ने 47 गेंदों पर 111 रन बनाए, जिसमें 11 चौके और 8 छक्के शामिल थे।

यह पारी उन्होंने हैदराबाद के राजीव गांधी इंटरनेशनल स्टेडियम में खेली और इस पारी के दौरान उनका स्ट्राइक रेट 236.17 था। इस शानदार शतक के साथ सैमसन पुरुषों के टी20 में शतक लगाने वाले पहले भारतीय विकेटकीपर-बल्लेबाज बन गए हैं। इससे पहले सैमसन का फॉर्म कुछ खास नहीं था और उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ दो मैचों में शून्य पर आउट होने के बाद यह बेहतरीन पारी खेली।

इसके बाद वह रोहित शर्मा के बाद सबसे तेज टी20 शतक बनाने वाले दूसरे भारतीय बल्लेबाज बन गए हैं। मैच के बाद सैमसन ने कहा, ‘जब आप देश के लिए खेलते हैं और कुछ मैचों में असफल होते हैं, तो दबाव महसूस होता है। सच कहूं तो मुझ पर भी दबाव था। मैं प्रदर्शन करना चाहता था, अपनी क्षमता दिखाना चाहता था।

कप्तान (सूर्यकुमार यादव) और कोच (गौतम गंभीर) ने मुझसे कहा, ‘हमें पता है कि तुम्हारे अंदर कितना टैलेंट है, हम तुम्हारे साथ हैं, चाहे कुछ भी हो।’उन्होंने आगे कहा, ‘वे सिर्फ बातों में नहीं, बल्कि अपने फैसलों में भी मुझे सपोर्ट करते रहे। श्रीलंका में लगातार दो मैचों में शून्य पर आउट होने के बाद मुझे थोड़ा शक हुआ था कि शायद मुझे अगली सीरीज में मौका न मिले, लेकिन उन्होंने मुझे इस सीरीज में पूरा भरोसा दिया।

तीन हफ्ते पहले ही सूर्यकुमार, गौतम भाई और (सहायक कोच) अभिषेक नायर ने मुझे बताया था कि मैं ओपनिंग करूंगा, जिससे मुझे सही तैयारी करने का समय मिल गया।‘ सैमसन ने बताया कि उन्होंने राजस्थान रॉयल्स अकादमी में जाकर कई गेंदबाजों का सामना किया और खुद को इस सीरीज के लिए पूरी तरह तैयार किया।

उन्होंने इस सीरीज में 30 रन एक ओवर में सिर्फ पांच छक्कों से बनाए, जो किसी भारतीय बल्लेबाज द्वारा टी20 इंटरनेशनल में चौथे सबसे अधिक रन हैं। यह खास प्रदर्शन दशहरा के मौके पर स्टेडियम में मौजूद दर्शकों के लिए बहुत रोमांचक रहा। सैमसन ने कहा, ‘मुझे पता था कि मैं स्पिनर के खिलाफ क्या कर सकता हूं, इसलिए मैंने उस ओवर में ज़्यादा से ज़्यादा रन बनाने की कोशिश की। और पांच छक्के लग गए।

मुझे पावरप्ले के बाद ही लगा कि मैं सेट हो गया हूं। पहले बल्लेबाजी करते हुए यह अंदाज़ा लगाना मुश्किल होता है कि कितने रन ठीक रहेंगे, लेकिन यह पिच अच्छी थी, इसलिए हम हर ओवर में ज्यादा से ज्यादा रन बनाने की कोशिश कर रहे थे।‘ सैमसन ने आगे बताया, ‘पिछले दो सालों से मैं सोच रहा था कि मैं एक ओवर में छह छक्के लगा सकता हूं। मैंने अपने मेंटर के साथ मिलकर इस पर काम किया है और खुद को इस बात का भरोसा दिलाया कि यह मुमकिन है। मैंने इसे ध्यान में रखकर अभ्यास किया और सोचा कि इसे एक दिन जरूर करना चाहिए।

आज मैं बहुत खुश हूं कि यह हो पाया। इस शतक के बाद सैमसन ने टी20 टीम में लंबे समय के लिए अपनी जगह पक्की करने के लिए दावेदारी ठोक दी है। भारत को साल 2026 में अपन घर पर टी20 विश्व कप खिताब को डिफेंड करना है। इस पर सैमसन कहते हैं, ‘भारत के लिए खेलना आसान नहीं है। जब आप फेल होते हैं तो यह कहना आसान होता है कि मैं अगले मैच में अधिक रन बनाऊंगा। लेकिन मैं इन चीजों को अपने तरीके से लेना चाहता हूं। मैं वह रहना चाहता हूं जो मैं हूं। मेरे लिए यह जरूरी है कि आप अपने बारे में जानते हैं और अपने खेल के बारे में जानते हैं। यह अपने प्रति सच्चा होने के बारे में है।‘

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