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निशानेबाज Manavjeet, अंजुम Asian Olympic Qualifiers से राष्ट्रीय टीम में करेंगे वापसी 

नयी दिल्ली: अनुभवी निशानेबाज मानवजीत सिंह  संधू और अंजुम मौदगिल अगले महीने क्रमश: जकार्ता और कुवैत सिटी में होने वाले एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर के लिए राष्ट्रीय टीम में वापसी करेंगे। राइफल और पिस्टल स्पर्धाओं के लिए क्वालीफायर पांच से 18 जनवरी तक जकार्ता (इंडोनेशिया) तो वही शॉटगन क्वालीफायर 12 से 23 जनवरी तक कुवैत सिटी में होंगे।भारत ने 20 सदस्यीय राइफल और पिस्टल टीम को मैदान में उतारा है।

इसके अलावा 12 निशानेबाज शॉटगन क्वालीफायर में देश का प्रतिनिधित्व करेंगे।अगले साल पेरिस में होने वाले ओलंपिक के लिए जकार्ता में राइफल और पिस्टल स्पर्धाओं के लिए कुल 16 कोटा उपलब्ध हैं, जबकि शॉटगन प्रतियोगिता में आठ स्थान उपलब्ध हैं। भारतीय निशानेबाज पेरिस खेलों के लिए पहले ही 13 कोटा स्थान जीत चुके हैं और इन टूर्नामेंटों में वे उस संख्या को बढ़ाने की कोशिश करेंगे।

भारतीय राष्ट्रीय राइफल महासंघ (एनआरएआई) की विज्ञप्ति के अनुसार टीमों का चयन मौजूदा घरेलू रैंकिंग के आधार पर किया गया है और जो निशानेबाज पहले ही ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुके हैं उन्हें इसमें शामिल नहीं किया गया है। जकार्ता में होने वाली स्पर्धा में भारत विशेष रूप से अपने पिस्टल कोटा में इजाफा करना चाहेगा, क्योंकि इसमें अब भी पांच स्थान और हासिल किये जा सकते हैं।

राइफल स्पर्धाओं में भारतीयों ने सभी आठ कोटा स्थान पहले ही सुरक्षित कर लिए हैं। कुवैत में भारत के पास छह कोटा स्थान हासिल करने का मौका होगा।  स्कीट में चार और ट्रैप निशानेबाजी में दो स्थान सुनिश्चित किये जा सकते हैं। पिस्टल निशानेबाज गुरप्रीत सिंह भी जकार्ता में चुनौती पेश करते नजर आयेंगे। श्री कार्तिक सबरी राज (पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल), उज्जवल मलिक (पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल) और भाव्या त्रिपाठी (महिला ट्रैप) सीनियर टीम में पदार्पण करेंगे।

कोटा हासिल करने वाले तीन निशानेबाज तिलोत्तमा सेन (महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल, सातवें स्थान पर), श्रीयंका सदांगी (महिलाओं की 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन, सातवें स्थान पर) और भवनेश मेंदीरत्ता (पुरुष ट्रैप, छठे स्थान पर) रैंकिंग में शीर्ष तीन में नहीं हैं। इन तीनों को आरपीओ (केवल रैंकिंग अंक) श्रेणी में टीम में शामिल किया गया है और वे पदक के लिए प्रतिस्पर्धा नहीं करेंगे। चार अन्य कोटा धारकों ने इन प्रतियोगिताओं में भाग लेने में असमर्थता व्यक्त की।

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