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खेल बजट में 350 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की घोषणा, ‘Khelo India’ को मिला सबसे बड़ा हिस्सा

खेलों के लिए आवंटन में 351.98 करोड़ रुपये की भारी बढ़ोतरी की घोषणा की गई है जिसका सबसे बड़ा हिस्सा खेलो इंडिया कार्यक्रम को मिलेगा।

नई दिल्ली: जमीनी स्तर पर प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की खोज और उन्हें प्रोत्साहित करने की सरकार की प्रमुख योजना ‘खेलो इंडिया’ को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शनिवार को यहां पेश किये गये केंद्रीय बजट में सबसे ज्यादा फायदा हुआ। खेलों के लिए आवंटन में 351.98 करोड़ रुपये की भारी बढ़ोतरी की घोषणा की गई है जिसका सबसे बड़ा हिस्सा खेलो इंडिया कार्यक्रम को मिलेगा।

इस महत्वाकांक्षी योजना को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 1,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। यह 2024-25 के 800 करोड़ रुपये के अनुदान से 200 करोड़ रुपये अधिक है। युवा मामले एवं खेल मंत्रलय को कुल मिलाकर 3,794.30 करोड़ रुपये आवंटित किए गए। यह रकम पिछले साल की तुलना में 351.98 करोड़ रुपये अधिक है।

खेल एवं युवा मामलों के मंत्री मनसुख मांडविया ने ‘एक्स’ पर इस बजट की तारीफ करते हुए लिखा, ‘‘यह खेल के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के साथ खेलो इंडिया को बढ़ावा देगा और युवा-केंद्रित विकास पहलों का विस्तार करेगा। इससे खिलाड़ियों की अगली पीढ़ी सशक्त होगी। यह बढ़ोतरी इस बात को ध्यान में रखते हुए अधिक है कि अगले वर्ष ओलंपिक, राष्ट्रमंडल या एशियाई खेलों जैसा कोई बड़ा खेल आयोजन नहीं है।

राष्ट्रीय खेल महासंघों को सहायता के लिए निर्धारित राशि को भी 340 करोड़ रुपये से मामूली तौर पर बढ़ाकर 400 करोड़ रुपये कर दिया गया है। भारत वर्तमान में 2036 ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए एक महत्वाकांक्षी बोली की तैयारी कर रहा है। भारत ने इसके लिए अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति को एक आशय पत्र प्रस्तुत किया है।

राष्ट्रीय शिविरों के संचालन और खिलाड़ियों के प्रशिक्षण के लिए साजो-सामान व्यवस्था के लिए नोडल निकाय भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के लिए आवंटन 815 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 830 करोड़ रुपये कर दिया गया। साइ देश भर में स्टेडियमों के रखरखाव और उपयोग के लिए भी जिम्मेदार है। राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला के लिए भी इसी तरह की बढ़ोतरी की घोषणा की गई है। उसे वित्तीय वर्ष में 23 करोड़ रुपये मिलेंगे जो 2024-25 के 18.70 करोड़ रुपये से अधिक है।

इसी तरह की कटौती की घोषणा राष्ट्रीय युवा एवं किशोर विकास कार्यक्रम और युवा छात्रवास के कोष में भी की गयी है। बहुपक्षीय निकायों और युवा विनिमय कार्यक्रमों के लिए योगदान को हालांकि 11.70 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 55 करोड़ रुपये कर दिया गया है। जम्मू-कश्मीर में खेल सुविधाएं बढ़ाने के लिए 20 करोड़ रुपये के कोष को मंजूरी दी गई है, जो पिछले साल से 14 करोड़ रुपये ज्यादा है।

बढ़े हुए बजट का एक बड़ा हिस्सा राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) को दिया जाएगा। इसे 450 करोड़ रुपये मिलेंगे, जो पिछले वर्ष से 200 करोड़ रुपये अधिक है। राष्ट्रीय सेवा योजना का लक्ष्य‘स्कूलों और कॉलेजों में युवाओं के चरित्र और व्यक्तित्व का विकास करना’ है। यह एक ऐसी योजना है जो सामाजिक कार्य और सामुदायिक सेवा के माध्यम से युवाओं को आकार देने की दिशा में काम करती है।

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