Site icon Dainik Savera Times | Hindi News Portal

Suryakumar Yadav की फॉर्म मुंबई के लिए चिंता का विषय नहीं: Piyush Chawla

नयी दिल्ली: सूर्यकुमार यादव ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एकदिवसीय श्रृंखला से ही रन बनाने के लिए जूझ रहे हैं लेकिन मुंबई इंडियंस के अनुभवी लेग स्पिनर पीयूष चावला ने कहा कि इस स्टार बल्लेबाज की फॉर्म आईपीएल की उनकी टीम के लिए चिंता का विषय नहीं है।सूर्यकुमार ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीनों वनडे मैचों में खाता नहीं खोल पाए थे और इंडियन प्रीमियर लीग में भी वह रन बनाने के लिए जूझ रहे हैं। वह अभी तक आईपीएल में पहले तीन मैचों में केवल 16 रन बना पाए हैं। दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ मंगलवार को यहां मुंबई की छह विकेट से जीत के दौरान वह पहली गेंद पर पवेलियन लौट गए थे।

चावला ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा,‘‘‘सूर्यकुमार की फॉर्म कभी चिंता की बात नहीं रही। इस प्रारूप में फॉर्म में आने में सिर्फ 10 गेंद लगती हैं, जहां आपने 10 गेंद में चार चौके मारे तो आप लय में आ जाते हो। जैसा (कप्तान) रोहित (शर्मा) ने जिक्र किया यह पिच बल्लेबाजी के लिए उतनी आसान नहीं थी।’’ चावला ने कहा, ‘‘ हमें भी लगा था कि इस विकेट पर 170 रन 190 रन के स्कोर के जितना अच्छा है।

लेकिन जिस तरह रोहित और इशान (किशन) ने बल्लेबाजी की, उन्होंने हमें शानदार शुरुआत दिलाई। इस पिच पर नई गेंद का फायदा उठाना जरूरी थी। उन्होंने छह ओवर में 70 रन जोड़कर अच्छी शुरुआत दिलाई जिसने लय दी। छह ओवर में 70 रन के बावजूद मैच आखिरी गेंद तक ंिखचा तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि पिच बल्लेबाजी के लिए आसान नहीं थी।’’चावला ने इस मैच में अपनी कलाई की जादूगरी दिखाई और 22 रन देकर तीन महत्वपूर्ण विकेट लिए। उन्होंने कहा कि लेग स्पिनर खेल के सबसे छोटे प्रारूप में विकेट लेने के विकल्प मुहैया कराता है।

टी20 प्रारूप में लेग स्पिनरों के लगातार प्रभावित करने के बारे में चावला ने कहा, ‘‘पिछले कुछ वर्षों में टी20 क्रिकेट की बात करें तो एक समय 160-170 का स्कोर अच्छा माना जाता था लेकिन आजकल ऐसा नहीं है। अगर पिच से मदद मिल रही है तो 170 अच्छा स्कोर हैं, नहीं तो आपको 190 रन के आसपास के स्कोर की जरूरत होगी। कुल मिलाकर हर गेंदबाज रन लुटा रहा है लेकिन लेग स्पिनर आपको विकेट चटकाने का विकल्प देते हैं और उनसे आप कभी भी गेंदबाजी करा सकते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कप्तान पावर प्ले में लेग स्पिनर को अधिकतर मौका नहीं देते लेकिन मैंने ऐसा भी किया है। इस प्रारूप में अगर आपको रन रोकने हैं तो विकेट लेने होंगे जो विकल्प आपको लेग स्पिनर देता है, नहीं तो इस प्रारूप में हमने देखा है कि 14-15 रन प्रति ओवर की गति से भी लक्ष्य हासिल होते हैं। इसलिए शायद टीम विकेट चटकाने वाले गेंदबाजों को मौका देने को तरजीह देती हैं।’’

Exit mobile version