नई दिल्ली: इंग्लैंड के भारत से मौजूदा टेस्ट सीरीज हारने के बाद पूर्व कप्तान माइकल वॉन का मानना ? है कि बेन स्टोक्स की अगुवाई वाली टीम अपनी बल्लेबाजी की विफलता के कारण इस प्रारूप में अपनी पिछली तीन सीरीज नहीं जीत पाई है।
भारत ने रांची में पांच विकेट की जीत के साथ पांच मैचों की श्रृंखला में 3-1 की अजेय बढ़त ले ली, यह स्टोक्स और ब्रेंडन मैकुलम की कप्तान-कोच जोड़ी के तहत इंग्लैंड की पहली श्रृंखला हार थी। भारत दौरे से पहले, इंग्लैंड ने घरेलू सरजमीं पर ऑस्ट्रेलिया के साथ 2-2 और न्यूजीलैंड के साथ उसकी सरजमीं पर 1-1 से ड्रा खेला था।
द टेलीग्राफ के लिए अपने कॉलम में वॉन ने लिखा, ‘‘यह इंग्लैंड के कई बल्लेबाजों के लिए बहुत बड़ा सप्ताह है। जब हम इंग्लैंड की इस टीम के बारे में सोचते हैं, तो हम उनकी अद्भुत गतिशील बल्लेबाजी के बारे में सोचते हैं। लेकिन जब आप देखते हैं कि उन्होंने अपनी पिछली तीन श्रृंखलाओं में से कोई भी क्यों नहीं जीती है, तो यह बल्लेबाजी पर निर्भर है।’
उनका यह भी अनुमान है कि 7-11 मार्च तक खेले जाने वाले धर्मशाला टेस्ट के बाद इंग्लैंड के बल्लेबाजी क्रम में बदलाव देखने को मिल सकता है। ‘‘पूरी बल्लेबाजी लाइनअप को इस दौरे पर हर हफ्ते पता चल गया था कि वह अगला मैच खेलेंगे। यह बदलने वाला है क्योंकि इस दौरे के बाद हैरी ब्रूक वापस आ जायेगा।’’
‘‘लोगों को सहज बनाना सही है और इंग्लैंड ने पिछले दो वर्षों में आम तौर पर अच्छी बल्लेबाजी की है। हालाँकि, एक बिंदु आता है, जब आपकी बल्लेबाजी के कारण आपको सबसे बड़ी श्रृंखला गंवानी पड़ती है, तो आप हर हफ्ते उन्हीं लोगों को नहीं भेज सकते।’
इसके बाद वॉन ने विकेटकीपर-बल्लेबाज जॉनी बेयरस्टो, जो अपना 100वां टेस्ट मैच खेलने के लिए तैयार हैं, और बेन फॉक्स, जो श्रृंखला में कुछ गंभीर साझेदारियों का हिस्सा रहे हैं, के मामलों को छुआ, लेकिन ये दोनों भारत में एक बड़ा व्यक्तिगत स्कोर हासिल करने में असफल रहे हैं।
‘‘जॉनी बेयरस्टो धर्मशाला में अपना 100वां टेस्ट खेलेंगे और मैं इससे खुश हूं। यह लचीलेपन की एक महान विजय है और मेरा मानना ??है कि यदि आप 99 मैच तक पहुँच जाते हैं तो आप अपने 100वें मैच के हकदार हैं। हालाँकि, आप इस बात से बच नहीं सकते कि वह अपना 101वां मैच चूक सकते हैं।’
‘मैं कीपर, बेन फॉक्स को भी देखता हूं। उन्होंने भारत में शानदार प्रदर्शन किया है, लेकिन मुझे लगता है कि उनकी बल्लेबाजी अभी भी उनके अनुरूप नहीं है। पिछला टेस्ट एक अच्छा उदाहरण था: वह एक बल्लेबाज के साथ साझेदारी में महान हैं, लेकिन निचले क्रम के साथ संघर्ष करते हैं।’
‘‘कुल मिलाकर, एक बल्लेबाजी इकाई के रूप में इंग्लैंड को यह याद दिलाने की जरूरत है कि टेस्ट क्रिकेट दो पारियों का खेल है। वे लगातार एक में अच्छी बल्लेबाजी कर रहे हैं और दूसरे में खराब प्रदर्शन कर रहे हैं।’
‘‘बीते समय में, पहली पारी में आगे रहने से आप मैच जीत जाते थे, लेकिन अब टीमें लक्ष्य का पीछा करने से कम डरती हैं और आसानी से मैच का रुख पलट सकती हैं। अंतत:, खेल जीत के बारे में है और इंग्लैंड सर्वश्रेष्ठ टीमों के खिलाफ ऐसा करने के लिए संघर्ष कर रहा है।’