गुवाहाटीः श्रीलंका के खिलाफ पहले वनडे में शतक जमाने के बाद आहलादित विराट कोहली ने स्वीकार किया कि वह खराब फॉर्म के दौरान अपनी कमजोरियों और कुंठा को स्वीकार नहीं कर पा रहे थे जिससे अपने परिवार और दोस्तों के प्रति उनका रवैया चिड़चिड़ा हो गया था। कोहली ने पहले मैच में 45वां वनडे शतक जड़ा और भारत की 67 रन से जीत में सूत्रधार रहे । इससे पहले उन्होंने 2022 में बांग्लादेश के खिलाफ आखिरी वनडे में 113 रन बनाये थे। कोहली ने बीसीसीआई टीवी पर अपने साथी खिलाड़ी सूर्यकुमार यादव को दिये इंटरव्यू में कहा ,कि ‘ मेरे मामले में कुंठा घर कर रही थी और मैं स्वीकार नहीं कर रहा था। मैं काफी चिड़चिड़ा हो रहा था।
अनुष्का, मेरे करीबियों और उन लोगों के लिए यह अच्छा नहीं था जो मेरे साथ खड़े थे। मुझे जिम्मेदारी लेकर चीजों को र्ढे पर लाना था।’’ कोहली ने कहा कि क्रिकेट के लिए जुनून फिर से जगाने के लिए ही वह इससे दूर गए थे। उन्होंने कहा ,कि ‘ मैं अपने खेल से बहुत दूर चला गया था । मेरी इच्छाओं, जुड़ाव ने दबदबा बना लिया था। उसी समय मुझे लगा कि मुझे खुद से दूर नहीं होना है। मुझे अपने प्रति ईमानदार रहना है। अगर मैं दुनिया का सबसे खराब खिलाड़ी हूं, अच्छा नहीं खेल रहा हूं , कमजोर हूं तो भी मुझे इसे स्वीकार करना है। मैं इससे इनकार नहीं कर सकता।’’
उन्होंने दुनिया के नंबर एक टी20 बल्लेबाज सूर्यकुमार को सलाह देते हुए कहा ,‘‘ तुम जितना ज्यादा खेलोगे, तुम्हे इसका अहसास होगा । लोग तुम्हें अलग तरह से देखेंगे। सूर्या जब बल्लेबाजी करने जाएगा तो लोग कहेंगे कि सूर्या बड़ा स्कोर बनाएगा।’’ उन्होंने कहा , कि ‘जब तक अच्छा खेलोगे, यह चलता रहेगा और जिस दिन खराब फॉर्म का सामना करोगे, मेरी तरह कुंठा घर करने लगेगी । मेरे साथ ऐसा हुआ क्योंकि मैं अपनी तरह से खेल नहीं पा रहा था । अब मैं खुश हूं कि अच्छा खेल पा रहा हूं । इस साल विश्व कप और आस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला भी है।’’ उन्होंने कहा , कि ‘कई बार बहुत ज्यादा खेलने का भी असर पड़ता है ।ब्रेक से मानसिक रूप से तरोताजा होने में मदद मिली।