समस्तीपुर : बेंगलुरु में आत्महत्या करने वाले इंजीनियर अतुल सुभाष के पिता ने उनके बेटे को ‘‘परेशान करने वालों’’ को कड़ी सजा दिए जाने की मांग करते हुए रविवार को कहा कि जब तक न्याय नहीं मिल जाता, तब तक वह अपने बेटे की अस्थियों को विसर्जित नहीं करेंगे। समस्तीपुर जिला निवासी सुभाष (34) का शव नौ दिसंबर को दक्षिण-पूर्व बेंगलुरु के मुन्नेकोलालु में उसके घर पर फंदे से लटका मिला था। सुभाष ने वीडियो और नोट में आरोप लगाया था कि उससे अलग रह रही उसकी पत्नी और ससुराल वालों ने ‘‘झूठे’’ मामलों में फंसाकर और ‘‘लगातार उत्पीड़न कर’’ उसे आत्महत्या के लिए मजबूर किया। सुभाष के पिता पवन कुमार ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं उन्हें (सुभाष की अलग रह रही पत्नी और ससुराल वालों को) गिरफ्तार करने के लिए कर्नाटक पुलिस को धन्यवाद देता हूं। मेरे बेटे को परेशान करने वाले सभी लोगों को दंडित किया जाना चाहिए ताकि उसे न्याय मिल सके और उसकी आत्मा को शांति मिले।
मेरे बेटे को पैसे के लिए परेशान किया जा रहा था और उसकी पत्नी उसे अपमानित कर रही थी
जब तक हमें न्याय नहीं मिल जाता, मैं अपने बेटे की अस्थियों का विसर्जित नहीं करूंगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरे बेटे को पैसे के लिए परेशान किया जा रहा था और उसकी पत्नी उसे अपमानित कर रही थी.. मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सभी संबंधित पक्षों से अनुरोध करता हूं.. कृपया हमें न्याय दिलाएं।’’ पुलिस ने रविवार को बताया कि अतुल सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया को हरियाणा के गुरुग्राम से तथा निकिता की मां निशा सिंघानिया और उसके भाई अनुराग सिंघानिया को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया। कुमार ने उनके चार वर्षीय पोते का संरक्षण उन्हें दिए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा, मेरा बेटा अंदर से टूट चुका था. अपनी पत्नी और ससुराल वालों द्वारा प्रताड़ित किए जाने के बाद भी उसने किसी को इस बारे में नहीं बताया। उसके ‘सुसाइड नोट’ में यह भी लिखा था कि उसके बच्चे के संरक्षण की जिम्मेदारी उसके माता-पिता को दी जानी चाहिए।’’ कुमार ने कहा कि सुभाष को अपने बेटे के लिए 40,000 रुपये प्रति माह के भरण-पोषण का आदेश भी दिया गया था। उन्होंने कहा, उसने (सुभाष की अलग रह रही पत्नी ने) हमारे और मेरे बेटे के खिलाफ कई झूठे मामले दर्ज किए। मेरे बेटे को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।