हापुड़/अमरोहा: कार्तिक पौर्णिमा के मुख्य स्नान पर्व पर तपोभूमि गढ़-तिगरीधाम गंगा घाट ‘ हर हर गंगे ‘ के उद् घोष से गूंज उठे। मेले के दौरान कहीं से कोई दुर्घटना की सूचना नहीं है। मेले में इस बार मुख्य चुनाव आयुक्त भी सपरिवार शामिल हुए।
Kartik Purnima : कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर बिहार में श्रद्धालुओं ने आज गंगा नदी में स्नान कर आस्था की डुबकी लगाई। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा कहते हैं। हिन्दू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन पवित्र गंगा नदी में स्नान कर के दीपदान.
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में गांगेय डॉल्फिन के संरक्षण की कवायद अब तेज हो गई है। इसी कारण चंद रोज पहले सरकार ने इसे राज्य का जलीय जीव घोषित कर दिया। नदी की जैव विविधता को बनाए रखने में इनकी अहम भूमिका होती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इसे जलीय जीव की घोषणा से.
उप्रः आसपास के जहां प्रदेशों में भारी बारिश ने तबाही मचा रखा वहीं अब उत्तर प्रदेश में भी इसका असर दिखने लगा है। प्रदेश के कानपुर जिले में गंगा नदी अपने उफान पर हैं। वहीं, बलिया जिले में घाघरा ने ऐसा तांडव मचाया की 12 घर नदी में समा गये हैं। इसके अलावा कानपुर में.
वाराणसी। देश भर कई प्रदेशों में जहां बाढ़ ने तबाही माचा रखा वहीं वाराणसी में भी गंगा का जलस्तर फिर बढ़ने लगा है। जल विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि एक सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पानी बढ़ रहा है। गंगा का जलस्तर मंगलवार की सुबह 64.15 मीटर पर था। जलस्तर में वृद्धि.
सतयुग में सभी तीर्थ महत्वशाली थे, त्रेता में पुष्कर क्षेत्र का महात्म्य अधिक था। द्वापर में कुरुक्षेत्र महत्वपूर्ण माना गया है, कलियुग में गंगा का विशेष महत्व है। इसका कारण यह है कि कलियुग में अन्य सभी तीर्थ स्वभवत: अपने महत्व एवं पराक्रम को गंगा में छोड़ देते हैं, किंतु ये गंगा अपने तेज को.
संयुक्त राष्ट्रः संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने आगाह किया कि आने वाले दशकों में ग्लोबल वार्मिंग के कारण हिमनद घटने से भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र जैसी प्रमुख हिमालयी नदियों में जल प्रवाह कम हो सकता है। ‘इंटरनेशनल ईयर ऑफ ग्लेशियर प्रिजव्रेशन’ पर बुधवार को आयोजित एक कार्यक्रम में.
लखनऊ: यूपी में कभी गंदगी का पर्याय रही गंगा नदी को प्रदूषित करने वाले स्थलों को सरकार सेल्फी प्वाइंटों में बदल रही है। कानपुर में जहां कभी कोई गंदगी और बदबू के कारण आना पसंद नहीं करता था, आज उन स्थानों पर लोग परिवार के साथ पहुंचकर फोटो खिंचा रहे हैं। जाजमऊ के पास फिर.