जलवायु परिवर्तन से सूखा और सामान्य से अधिक बारिश व कुछ इलाकों में पानी की कमी की विभीषिका के साथ-साथ इन आपदाओं के घटने का अंतराल भी कम होता जाएगा। इसकी पुष्टि नैशनल एयरोनॉटिक्स ऐंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) की अगुवाई में एक अध्ययन में की गई है। अध्ययन में कहा गया है कि हमारी धरती.
जून 1991 में फिलीफींस स्थित माऊंट पिनेताबू नाम के ज्वालामुखी में विस्फोट हुआ। 20वीं सदी के सबसे बड़े विस्फोट से फैली राख आसमान में लगभग 28 मील तक छा गई। इसके बाद से अगले 15 महीनों तक पूरी दुनिया का तापमान लगभग 1 डिग्री तक कम हो गया। राख के कारण सूरज की किरणें धरती.