- विज्ञापन -
home
देश
विदेश
Politics
पंजाब
राज्य
उत्तरप्रदेश
हरियाणा
हिमाचल
दिल्ली
जम्मू और कश्मीर
खेल
मनोरंजन
लाइफस्टाइल
Gallery
अजब गजब
धर्म
Automobile
E-Paper
Home
देश
विदेश
Politics
पंजाब
उत्तरप्रदेश
हरियाणा
हिमाचल
दिल्ली
जम्मू और कश्मीर
खेल
मनोरंजन
लाइफस्टाइल
Gallery
अजब गजब
धर्म
Automobile
E-Paper
Sign in / Join
Home
Tag:
hukamnama
Tag:
hukamnama
धर्म
हुक्मनामा श्री हरिमंदिर साहिब जी 13 दिसंबर
-
13 December, 2022
धर्म
हुक्मनामा श्री हरिमंदिर साहिब जी 12 दिसंबर
-
12 December, 2022
धर्म
हुक्मनामा श्री हरिमंदिर साहिब जी 11 दिसंबर
-
11 December, 2022
धर्म
हुक्मनामा श्री हरिमंदिर साहिब जी 10 दिसंबर
-
10 December, 2022
धर्म
हुक्मनामा श्री हरिमंदिर साहिब जी 9 दिसंबर
-
09 December, 2022
- विज्ञापन -
हुक्मनामा श्री हरिमंदिर साहिब जी 7 दिसंबर
जैतसरी महला ४ घरु १ चउपदे ੴ सतिगुर प्रसादि ॥मेरै हीअरै रतनु नामु हरि बसिआ गुरि हाथु धरिओ मेरै माथा ॥ जनम जनम के किलबिख दुख उतरे गुरि नामु दीओ रिनु लाथा ॥१॥ मेरे मन भजु राम नामु सभि अरथा ॥ गुरि पूरै हरि नामु द्रिड़ाइआ बिनु नावै जीवनु बिरथा ॥ रहाउ ॥ बिनु गुर.
-
07 December, 2022
हुक्मनामा श्री हरिमंदिर साहिब जी 6 दिसंबर
सोरठि महला ३॥ हरि जीउ तुधु नो सदा सालाही पिआरे जिचरु घट अंतरि है सासा ॥ इकु पलु खिनु विसरहि तू सुआमी जाणउ बरस पचासा ॥ हम मूड़ मुगध सदा से भाई गुर कै सबदि प्रगासा ॥१॥ हरि जीउ तुम आपे देहु बुझाई॥ हरि जीउ तुधु विटहु वारिआ सद ही तेरे नाम विटहु बलि जाई.
-
06 December, 2022
हुक्मनामा श्री हरिमंदिर साहिब जी 3 दिसंबर
धनासरी महला ५ ॥ त्रिपति भई सचु भोजनु खाइआ ॥ मनि तनि रसना नामु धिआइआ ॥१॥ जीवना हरि जीवना ॥ जीवनु हरि जपि साधसंगि ॥१॥ रहाउ ॥ अनिक प्रकारी बसत्र ओढाए ॥ अनदिनु कीरतनु हरि गुन गाए ॥२॥ हसती रथ असु असवारी ॥ हरि का मारगु रिदै निहारी ॥३॥ मन तन अंतरि चरन धिआइआ ॥.
-
03 December, 2022
हुक्मनामा श्री हरिमंदिर साहिब जी 2 दिसंबर
रागु सोरठि बाणी भगत कबीर जी की घरु १ ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ संतहु मन पवनै सुखु बनिआ ॥ किछु जोगु परापति गनिआ ॥ रहाउ ॥ गुरि दिखलाई मोरी ॥ जितु मिरग पड़त है चोरी ॥ मूंदि लीए दरवाजे ॥ बाजीअले अनहद बाजे ॥१॥ कु्मभ कमलु जलि भरिआ ॥ जलु मेटिआ ऊभा करिआ ॥ कहु.
-
02 December, 2022
हुक्मनामा श्री हरिमंदिर साहिब जी 1 दिसंबर
धनासरी महला ४ ॥ हरि हरि बूंद भए हरि सुआमी हम चात्रिक बिलल बिललाती ॥ हरि हरि क्रिपा करहु प्रभ अपनी मुखि देवहु हरि निमखाती ॥१॥ हरि बिनु रहि नसकउ इक राती ॥ जिउ बिनु अमलै अमली मरि जाई है तिउ हरि बिनु हम मरि जाती ॥ रहाउ ॥ तुम हरि सरवर अति अगाह हम.
-
01 December, 2022
Prev »
1
…
18
19
20
AD
Latest Post
खुद को रखना है तंदुरुस्त तो आज ही डाइट में शामिल करें कद्दू, जानिए इसके कमाल के फायदे
-
ईशा देओल ने फिगर-हगिंग आउटफिट में खींचा फैंस का ध्यान, तस्वीरें की शेयर
-
प्रयागराज से नागपुर जा रही बस का हुआ हादसा, 6 की हुई मृत्यु, 17 घायल
-
एक्टर जिसने मां के लिए पिता को जड़ा तमाचा, बदले में जो हुआ उसने दुनिया बदल दी
-
इजरायल ने मध्य क्षेत्र में 1,000 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर लगाया प्रतिबंध
-
पहली बार भारतीय कंपनी Tata विदेश में लगा रही डिफैंस फैक्टरी
-
पूर्व तेज गेंदबाज आरपी सिंह ने बताया कि बारिश ब्रेक के दौरान क्रिकेटर क्या करते हैं
-
डॉन ब्रैडमैन के वो रिकॉर्ड जो सचिन तेंदुलकर, सुनील गावस्कर और ब्रायन लारा भी नहीं तोड़ सके
-
दुर्घटना के बाद मुशीर खान की हालत स्थिर, नहीं खेल पाएंगे ईरानी और रणजी ट्रॉफी के शुरुआती मैच
-
एनएलसी इंडिया ने 1,234 करोड़ यूनिट हरित बिजली का किया उत्पादन
-