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Tag: Sri Harmandir Sahib Ji

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हुक्मनामा श्री हरिमंदिर साहिब जी 11 जून 2024

धनासरी महला ५ घरु ६ ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ सुनहु संत पिआरे बिनउ हमारे जीउ ॥ हरि बिनु मुकति न काहू जीउ ॥ रहाउ ॥ मन निरमल करम करि तारन तरन हरि अवरि जंजाल तेरै काहू न काम जीउ ॥ जीवन देवा पारब्रहम सेवा इहु उपदेसु मो कउ गुरि दीना जीउ ॥१॥ तिसु सिउ न.

हुक्मनामा श्री हरिमंदिर साहिब जी 10 जून 2024

सूही महला १ घरु ६ ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ उजलु कैहा चिलकणा घोटिम कालड़ी मसु ॥ धोतिआ जूठि न उतरै जे सउ धोवा तिसु ॥१॥ सजण सेई नालि मै चलदिआ नालि चलंन्हि ॥ जिथै लेखा मंगीऐ तिथै खड़े दिसंनि ॥१॥ रहाउ ॥ कोठे मंडप माड़ीआ पासहु चितवीआहा ॥ ढठीआ कंमि न आवन्ही विचहु सखणीआहा ॥२॥.

हुक्मनामा श्री हरिमंदिर साहिब जी 04 जून 2024

सलोकु मः ३ ॥ ब्रहमु बिंदै तिस दा ब्रहमतु रहै एक सबदि लिव लाइ ॥ नव निधी अठारह सिधी पिछै लगीआ फिरहि जो हरि हिरदै सदा वसाइ ॥ बिनु सतिगुर नाउ न पाईऐ बुझहु करि वीचारु ॥ नानक पूरै भागि सतिगुरु मिलै सुखु पाए जुग चारि ॥१॥ जो मनुख केवल गुरु-शब्द के प्रति बिरती जोड़.

हुक्मनामा श्री हरिमंदिर साहिब जी 03 जून 2024

तिलंग महला ४ ॥ हरि कीआ कथा कहाणीआ गुरि मीति सुणाईआ ॥ बलिहारी गुर आपणे गुर कउ बलि जाईआ ॥१॥ आइ मिलु गुरसिख आइ मिलु तू मेरे गुरू के पिआरे ॥ रहाउ ॥ हरि के गुण हरि भावदे से गुरू ते पाए ॥ जिन गुर का भाणा मंनिआ तिन घुमि घुमि जाए ॥२॥ हे गुरसिख!.

हुक्मनामा श्री हरिमंदिर साहिब जी 01 जून 2024

सलोकु मः ३ ॥पड़णा गुड़णा संसार की कार है अंदरि त्रिसना विकारु ॥ हउमै विचि सभि पड़ि थके दूजै भाइ खुआरु ॥ सो पड़िआ सो पंडितु बीना गुर सबदि करे वीचारु ॥ अंदरु खोजै ततु लहै पाए मोख दुआरु ॥ गुण निधानु हरि पाइआ सहजि करे वीचारु ॥ धंनु वापारी नानका जिसु गुरमुखि नामु अधारु.

हुक्मनामा श्री हरिमंदिर साहिब जी 31 मई 2024

रागु सोरठि बाणी भगत नामदे जी की घरु २ ੴ सतिगुर प्रसादि ॥सुख सागरु सुरतर चिंतामनि कामधेनु बसि जा के ॥ चारि पदारथ असट दसा सिधि नव निधि कर तल ता के ॥१॥ हरि हरि हरि न जपहि रसना ॥ अवर सभ तिआगि बचन रचना ॥१॥ रहाउ ॥ नाना खिआन पुरान बेद बिधि चउतीस अखर.

हुक्मनामा श्री हरिमंदिर साहिब जी 30 मई 2024

गूजरी महला ५ ॥जिसु मानुख पहि करउ बेनती सो अपनै दुखि भरिआ ॥ पारब्रहमु जिनि रिदै अराधिआ तिनि भउ सागरु तरिआ ॥१॥ गुर हरि बिनु को न ब्रिथा दुखु काटै ॥ प्रभु तजि अवर सेवकु जे होई है तितु मानु महतु जसु घाटै ॥१॥ रहाउ ॥ माइआ के सनबंध सैन साक कित ही कामि न.

हुक्मनामा श्री हरिमंदिर साहिब जी 28 मई 2024

आसा छंत महला ५ घरु ४ ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ हरि चरन कमल मनु बेधिआ किछु आन न मीठा राम राजे ॥ मिलि संतसंगति आराधिआ हरि घटि घटे डीठा राम राजे ॥

हुक्मनामा श्री हरिमंदिर साहिब जी 27 मई 2024

सोरठि महला ५ ॥ विचि करता पुरखु खलोआ ॥ वालु न विंगा होआ ॥ मजनु गुर आंदा रासे ॥ जपि हरि हरि किलविख नासे ॥१॥ संतहु रामदास सरोवरु नीका ॥ जो नावै सो कुलु तरावै उधारु होआ है जी का ॥१॥ रहाउ ॥ जै जै कारु जगु गावै ॥ मन चिंदिअड़े फल पावै ॥ सही.

हुक्मनामा श्री हरिमंदिर साहिब जी 26 मई 2024

बिलावलु महला १ ॥ मनु मंदरु तनु वेस कलंदरु घट ही तीरथि नावा ॥ एकु सबदु मेरै प्रानि बसतु है बाहुड़ि जनमि न आवा ॥१॥ मनु बेधिआ दइआल सेती मेरी माई ॥ कउणु जाणै पीर पराई ॥ हम नाही चिंत पराई ॥१॥ रहाउ ॥ अगम अगोचर अलख अपारा चिंता करहु हमारी ॥ जलि थलि महीअलि.
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