धनासरी महला ४ ॥ कलिजुग का धरमु कहहु तुम भाई किव छूटह हम छुटकाकी ॥ हरि हरि जपु बेड़ी हरि तुलहा हरि जपिओ तरै तराकी ॥१॥ हरि जी लाज रखहु हरि जन की ॥ हरि हरि जपनु जपावहु अपना हम मागी भगति इकाकी ॥ रहाउ ॥ हरि के सेवक से हरि पिआरे जिन जपिओ हरि.
देवगंधारी महला ५ ॥ उलटी रे मन उलटी रे ॥ साकत सिउ करि उलटी रे ॥ झूठै की रे झूठु परीति छुटकी रे मन छुटकी रे साकत संगि न छुटकी रे ॥१॥ जिउ काजर भरि मंदरु राखिओ जो पैसै कालूखी रे ॥ दूरहु ही ते भागि गइओ है जिसु गुर मिलि छुटकी त्रिकुटी रे ॥१॥.
अमृतसर : सचखंड श्री हरमंदिर साहिब में संगतों से अरदास राशि एकत्र करने वाले काउंटर से एक लाख रुपये चोरी हो गए हैं। यह घटना रविवार देर रात की है, जब दुख भंजनी बेरी बही की तरफ काउंटर पर तैनात क्लर्क रशपाल सिंह बैठे थे, तभी दो पुरुष और एक महिला उनके पास आए और.
रागु सोरठि बानी भगत रविदास जी की ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ दुलभ जनमु पुंन फल पाइओ बिरथा जात अबिबेकै ॥ राजे इंद्र समसरि ग्रिह आसन बिनु हरि भगति कहहु किह लेखै ॥१॥ न बीचारिओ राजा राम को रसु ॥ जिह रस अनरस बीसरि जाही ॥१॥ रहाउ ॥ जानि अजान भए हम बावर सोच असोच दिवस.