विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को यहां श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे से मुलाकात की और दोनों पड़ोसी देशों के संबंधों को और मजबूत बनाने के मकसद से गहन चर्चा की। जयशंकर यहां हिन्द महासागर रिम संघ (आईओआरए) की मंत्रिपरिषद की 23वीं बैठक में भाग लेने के लिए आए हैं। उन्होंने राष्ट्रपति सचिवालय में विक्रमसिंघे से मुलाकात की।
जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘आज शाम कोलंबो में श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे से मुलाकात की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से उन्हें हाíदक शुभकामनाएं दीं। हमारे बीच सहयोग के कई क्षेत्रों में भारत-श्रीलंका संबंधों को आगे बढ़ाने में हुई प्रगति पर चर्चा की।’’ श्रीलंका के राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा कि अपनी बैठक के दौरान उन्होंने भारत और श्रीलंका के बीच संबंधों को बढ़ाने के उद्देशय़ से व्यापक चर्चा की। उसने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए तीन नए द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।
जशंकर ने ‘एक्स’ पर कहा ‘‘आज शाम राष्ट्रपति सचिवालय में राष्ट्रपति रानिल विक्रम सिंघे की उपस्थिति में समझौतों के आदान-प्रदान और परियोजनाओं का उद्घाटन देखकर खुशी हुई। सामाजिक आवास, सामुदायिक विकास और डेयरी क्षेत्रों में इन परियोजनाओं से श्रीलंकाई लोगों का जीवन और आसान होगा।’’ विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और श्रीलंका ने आज ‘दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों’ के 75 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाते हुए एक लोगो भी लॉन्च किया।एक्स’ पर लोगो की तस्वीर साझा करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारे गहरे ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और लोगों से लोगों के संबंधों को दर्शाता है।’’ जयशंकर सोमवार की शाम को यहां पहुंचे। मंत्रिपरिषद आईओआरए का निर्णय लेने वाला सबसे उच्च निकाय है। आईओआरए 23 सदस्य देशों और 10 वार्ताकार देशों के साथ हिन्द महासागर क्षेत्र का सबसे बड़ा और प्रमुख संगठन है। बैठक में भारत ने 2023-25 के लिए आईओआरए के उपाध्यक्ष का पद ग्रहण किया। भारत 2025-27 में इसका अध्यक्ष होगा। वर्ष 2023 में जयशंकर की यह दूसरी श्रीलंका यात्र है। इसके पहले वह जनवरी में कोलंबो आए थे।