नई दिल्ली: पिछले 10 वर्षों में देश में ट्रेन चलाने वाली महिला लोको पायलटों की संख्या में लगभग पांच गुना वृद्धि हुई है, जो इस क्षेत्र में महिलाओं की बढ़ती हिस्सेदारी के साथ ही टूटती रूढ़िवादिता को दर्शाता है। भारत के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में भारतीय रेलवे में 2024 तक करीब 1,828 महिला लोको पायलट काम कर रही हैं, जबकि 10 साल पहले यह संख्या मात्र 371 थी। आंकड़ों के अनुसार, महिला लोको पायलट की संख्या में पिछले 10 वर्षों में आया यह उछाल अलग-अलग राज्यों से देखा गया है।
उत्तर प्रदेश से महिला लोको पायलट की यह संख्या 36 से बढ़कर 222 हो गई है। इसी तरह तेलंगाना से महिला लोको पायलट 13 से बढ़कर 196 और तमिलनाडु से 39 से बढ़कर 180 हो गई हैं।महिलाओं ने लोको पायलट, स्टेशन मास्टर, ट्रैकमैन, सिग्नल मैंटेनैंस, गार्ड और गैंगमैन जैसे क्षेत्रों में प्रवेश किया है। वर्तमान में, भारतीय रेलवे में 1 लाख महिला कर्मचारी हैं, जो कुल वर्क फोर्स का लगभग 8.2 प्रतिशत हैं। पिछले 10 वर्षों में महिला स्टेशन मास्टरों की संख्या भी लगभग 5 गुना बढ़कर 1,828 हो गई है।