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एएमयू के शिक्षक, पूर्व छात्र दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेंगे

अलीगढ़ः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय शिक्षक संघ विश्वविद्यालय के कइ्र प्रमुख पूर्व छात्रों के साथ मिलकर पूर्णकालिक कुलपति की नियुक्ति की मांग तथा विश्वविद्यालय में अन्य अनियमितताओं की तरफ ध्यान खींचने के लिए 15 अक्टूबर को राष्ट्रीय राजधानी के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। शनिवार को एएमयू शिक्षक संघ की संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) की बैठक में यह घोषणा की गई। जेएसी के संयोजक और एएमयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष आजम बेग ने कहा कि इस धरने में सभी प्रमुख केंद्रीय विश्वविद्यालयों के शिक्षक प्रतिनिधि, एएमयू के प्रमुख पूर्व छात्र और एएमयू शिक्षक संघ के प्रतिनिधि भाग लेंगे।

बेग ने कहा कि धरना सभी आंतरिक लोकतांत्रिक संस्थानों को कमजोर करने और ‘‘विश्वविद्यालय के संविधान में निहित नियमों और विनियमों के उल्लंघन’’ के परिणामस्वरूप एएमयू में बढ़ते संकट को उजागर करने के लिए आयोजित किया जा रहा है। बेग ने कहा कि संस्थान के प्रमुख पूर्व छात्रों और कुछ पूर्व कुलपतियों को सांसदों, मानव संसाधन विकास मंत्रलय और विश्वविद्यालय के आगंतुकों से संपर्क करने के लिए एकजुट किया जा रहा है ताकि मौजूदा स्थिति जारी रहने पर होने वाले दीर्घकालिक नुकसान को उजागर किया जा सके। ‘एएमयू ओल्ड बॉयज एसोसिएशन’ ने देश के अंदर और बाहर रहने वाले पूर्व छात्रों से 17 अक्टूबर को वार्षकि सर सैयद दिवस को ‘‘एएमयू बचाओ दिवस’’ के रूप में मनाने का आग्रह किया है। बेग ने कहा कि एएमयू के छात्रों को सभी विरोध प्रदर्शनों से दूर रहने की सलाह दी गई है क्योंकि जेएसी के सदस्यों की राय है कि ऐसा कुछ भी नहीं होना चाहिए जिससे छात्रों का शैक्षणिक करियर प्रभावित हो।

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जेएसी की बैठक शनिवार को हुई और इसकी अध्यक्षता इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के पूर्व प्रति कुलपति और एएमयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष बसीर अहमद खान ने की। पिछले महीने समाजवादी पार्टी के दो सांसदों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुमरू को अलग-अलग पत्र लिखकर एएमयू के लिए नियमित कुलपति (वीसी) की नियुक्ति में ‘‘असामान्य देरी’’ पर चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने प्रतिष्ठित संस्थान में चीजों को और अधिक बिगड़ने से रोकने के लिए राष्ट्रपति से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की। राष्ट्रपति सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति हैं।

मई 2017 में कार्यभार संभालने वाले पूर्व कुलपति तारिक मंसूर का कार्यकाल जून 2022 में समाप्त होना था। उनके सेवानिवृत्त होने से कुछ हफ्ते पहले केंद्र ने कोविड-19 महामारी के कारण हुई असामान्य परिस्थितियों का हवाला देते हुए उनके कार्यकाल को एक साल के लिए बढ़ा दिया था। हालांकि, मंसूर ने अपने विस्तारित कार्यकाल के समाप्त होने से कुछ हफ्ते पहले इस साल अप्रैल में इस्तीफा दे दिया था, क्योंकि उन्हें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य के रूप में नामित किया गया था।

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