मथुरा में खुला कूटू का आटा बेचने पर लगी रोक, प्रशासन ने रखी ये शर्त

मथुरा। इस वर्ष की जन्माष्टमी की घटना से सबक लेते हुए एफएसडीए विभाग ने उत्तर प्रदेश के मथुरा में खुले कूटू का आटा बेचने पर रोक लगा दी है। प्रशासन ने सवां के चावल बेचने पर भी शर्त लगा दी है। एफएसडीए के सहायक आयुक्त धीरेन्द्र प्रताप ने बताया कि बन्द पैकेट में ही कूटू.

मथुरा। इस वर्ष की जन्माष्टमी की घटना से सबक लेते हुए एफएसडीए विभाग ने उत्तर प्रदेश के मथुरा में खुले कूटू का आटा बेचने पर रोक लगा दी है। प्रशासन ने सवां के चावल बेचने पर भी शर्त लगा दी है। एफएसडीए के सहायक आयुक्त धीरेन्द्र प्रताप ने बताया कि बन्द पैकेट में ही कूटू का आटा बिक सकेगा किंतु इसमें भी शर्त यह है कि पैकेट के ऊपर आटे के बारे में पूरा विवरण दर्ज होना चाहिए। उन्होंने बताया कि नवरात्रि को देखते हुए कूटू का आटा एवं सवां के चावल की सघन जांच के लिए दो टीमें लगा दी गई हैं। अगर सवां का आटा बंद कनस्तर में नही रखा गया या बोरी के मुंह को बन्द कर सवां का बोरा नही रखा गया तो एफएसडीए उसके खिलाफ भी कार्रवाई करेगा।

इसी क्रम में शुक्रवार को महाबन थाना क्षेत्र के बल्देव बाजार में मारे गए छापे में कूटू के आटे के दो नमूने तथा सवां के चवाल का एक नमूना जांच के लिए भेजा गया है।इसके अलावा खुली बिक्री करने के कारण 15 किलो कूटू का आटा फिकवाया गया।

दुकानदारों से कहा गया है कि सवां के चावल को किसी सूरत में खुला नहीं रखा जाना चाहिए।प्रशासन ने यह कदम प्रदेश के तीन जिलों में कूटू के आटे से लोगों के बीमार होने तथा जन्माष्टमी की रात मथुरा जिले के फरह ब्लाक के आधा दर्जन से अधिक गावों में घटी घटना से सबक लेते हुए उठाया है। उस समय आधा दर्जन से अधिक गांवों के सैकड़ो लोग दूषित कूटू का आटा खाने से बीमार हो गए थे। उनका आधा दर्जन अस्पतालों में त्वरित इलाज होने के कारण इस घटना में किसी की मौत नहीं हुई थी। जांच के लिए भेजे गये कूटू के आटा में चूहे के पेशाब और विष्टा की पुष्टि हुई थी।

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