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Maha Kumbh 2025 की सबसे बड़ी उपलब्धि, युवाओं में बढ़ा सनातन का आकर्षण

Biggest Achievement Maha Kumbh 2025

Biggest Achievement Maha Kumbh 2025

Biggest Achievement Maha Kumbh 2025 : सनातन संस्कृति के सबसे बड़े समागम प्रयागराज महाकुम्भ में बसंत पंचमी का अमृत स्नान पूर्ण होने के बाद अब धीरे-धीरे यह आयोजन अपने समापन की ओर बढ़ रहा है। ऐसा बताया जा रहा है कि 7 फरवरी से यहां अखाड़ों की रवानगी शुरू हो जाएगी। ऐसे में प्रश्न उठ रहा है कि आखिर इस महाकुम्भ की सबसे बड़ी उपलब्धि क्या रही। जिस तरह समुद्र मंथन के बाद देवताओं को बहुत सारी चीजें प्राप्त हुई थीं, उसी तरह क्या इस महाकुम्भ से भी कुछ प्राप्त हुआ है। इसका जवाब श्री शंभू पंच अग्नि अखाड़ा के महामंडलेश्वर संपूर्णानंद महाराज ने दिया है। उनका कहना है कि यह महाकुम्भ कई मायनों में बेहद सफल रहा है। इसकी सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही है कि इस बार सर्वाधिक संख्या में देश के युवा वर्ग की इसमें भागीदारी रही है। ऐसी भागीदारी आज तक नहीं देखी गई। उनका मानना है कि महाकुम्भ में इस बार 50 प्रतिशत से ज्यादा वो युवा शामिल हुए, जिनकी उम्र 30 से भी कम रही। ये दिखाता है कि सनातन के प्रति आज के युवाओं में आस्था तेजी से बढ़ रही है और इसका श्रेय पीएम मोदी और सीएम योगी दोनों को जाता है, जिन्होंने विगत कुछ वर्षों में सनातन संस्कृति के पुनर्जागरण के लिए काफी काम किया है।

सनातन और आध्यात्म को सर्च कर रहे युवा

महाकुम्भ 2025 में इस बार बड़ी संख्या में युवाओं की भागीदारी रही है। बड़ी संख्या में युवा अकेले या अपने परिजनों को लेकर महाकुम्भ में पहुंचे हैं। संपूर्णानंद महाराज के अनुसार, विगत कुछ वर्षों में भारत में जो सांस्कृतिक पुनर्जागरण हुआ है, उससे युवाओं में सनातन संस्कृति को समझने और उसे आत्मसात करने की प्रेरणा मिली है। बड़ी संख्या में युवा महाकुम्भ में सत्संग, कीर्तन का हिस्सा बन रहे हैं। महाकुम्भ में चल रहीं राम कथा, भागवत समेत तमाम प्रवचनों में जाकर सनातन के विचारों और आध्यात्म को जानने का प्रयास कर रहे हैं। 18 से 30 वर्ष के तमाम युवा हमारे पास अपनी संस्कृति को समझने, उसका उद्देश्य जानने के लिए आ रहे हैं। आज गूगल पर सबसे ज्यादा सनातन और आध्यात्म को सर्वाधिक सर्च किया जा रहा। रील बनाने वाली युवा पीढ़ी अब रीयल लाइफ जीना चाह रही है। यह महाकुम्भ युवाओं को जागृत करने वाला साबित हो रहा है। यह आगामी पीढ़ी के लिए शुभ संकेत है। यदि हमारी भावी पीढ़ी अपनी जड़ों से जुड़कर आगे बढ़ेगी तो सनातन का प्रचार होगा। अपराध कम होंगे और समृद्धि बढ़ेगी।

एक हो रही जनभावना, आध्यात्म से हो रहा जुड़ाव

उन्होंने कहा कि यह महाकुम्भ सिर्फ युवाओं के लिए नहीं बल्कि हर वर्ग के लिए हितकारी साबित हो रहा है। लोगों की जनभावनाएं एक हो रही हैं। भारत पहले जैसा हो रहा है। लोग आध्यात्म के रंग में सराबोर हो रहे हैं। कोई ऊंच नीच नहीं, कोई भेदभाव नहीं। जैसा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस महाकुम्भ को एकता का महाकुम्भ बताया है,यह महाकुम्भ उसी का उदाहरण बन रहा है। मां गंगा, मां यमुना और मां सरस्वती की त्रिवेणी में हर कोई बिना किसी भेदभाव के एक साथ डुबकी लगा रहा है। यहां सामाजिक समरसता का अद्भुत मेल देखने को मिल रहा है। संगम की पवित्र भूमि से लोग यहां की मिट्टी लेकर जा रहे हैं। यह दिखाता है कि लोगों की सोच एक जैसी है। यह एकता और समरसता नए भारत का प्रतिबिंब है। यह शिखर की ओर बढ़ते भारत की सकारात्मक ऊर्जा का संकेत है।

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