Site icon Dainik Savera Times | Hindi News Portal

जमीन कब्जाने को लेकर यूपी में किसान की आत्महत्या के बाद बीजेपी नेता मुसीबत में

कानपुरः भाजपा नेता प्रियरंजन दिवाकर पर शिकंजा कसता जा रहा है, क्योंकि 52 वर्षीय किसान बाबू सिंह ने उन पर और उनके सहयोगियों पर उनकी 10 बीघे जमीन हड़पने का आरोप लगाया और 9 सितंबर को उत्तर प्रदेश के कानपुर में ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली। गुरुवार को पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए नोएडा, लखनऊ, मैनपुरी, प्रयागराज, फतेहपुर में छापेमारी की और 50 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की। पुलिस आयुक्त आर.के. स्वर्णकार ने कहा,‘जिम्मेदार लोग जेल जाएंगे।‘ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित अपने सुसाइड नोट में, कानपुर के चकेरी निवासी बाबू सिंह ने आरोप लगाया कि रंजन ने उन्हें 6.25 करोड़ रुपये का फर्जी चेक देकर उनकी कृषि भूमि हड़प ली। पुलिस ने बताया कि सुसाइड नोट ट्रैक के पास मिला।

पुलिस ने मृतक की पत्नी की शिकायत पर आत्महत्या के लिए उकसाने और धोखाधड़ी के आरोप में प्रिया रंजन दिवाकर, उनके भतीजे जितेंद्र, ड्राइवर बब्लू, नोएडा के व्यवसायी राहुल जैन, मधुर पांडे और शिवम सिंह चौहान सहित छह लोगों पर मामला दर्ज किया है। मैनपुरी के किशनी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के पूर्व उम्मीदवार रंजन ने कथित तौर पर सिंह पर दबाव डालकर उनसे जमीन खरीदने की पेशकश की थी। किसान की 45 वर्षीय पत्नी बिट्टन देवी ने आरोप लगाया कि ‘दबाव की रणनीति‘ के आगे झुकते हुए, सिंह संपत्ति को 6.25 करोड़ रुपये में बेचने के लिए सहमत हो गए, इसके लिए उन्हें एक चेक दिया गया था।

मार्च, 2023 में बाबू सिंह ने रजिस्ट्री के जरिए जमीन ट्रांसफर कर दी, तो रंजन ने गलती का बहाना बनाकर उनसे चेक मांगा। एफआईआर के मुताबिक, उन्होंने वादा किया कि सिंह को अगले दिन चेक मिल जाएगा, लेकिन उन्होंने पैसे का भुगतान नहीं किया। बिट्टन देवी ने कहा कि रंजन और अन्य ने उपनगरीय कानपुर के अहिरवन गांव में भूखंड बेचना शुरू कर दिया है। जेसीपी (कानून एवं व्यवस्था) आनंद प्रकाश तिवारी ने कहा, ‘इस बात की पुष्टि हो गई है कि जमीन सौदे के बदले परिवार को कोई पैसा नहीं दिया गया था।‘

Exit mobile version