Site icon Dainik Savera Times | Hindi News Portal

बिजली का निजीकरण करते समय कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखा जाएगा : ऊर्जा मंत्री

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि (बिजली का) निजीकरण करते समय कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखा जाएगा। शर्मा ने सदन को बताया कि उपभोक्ताओं का गलत बिजली बिल बनाने के आरोप में 3394 ‘मीटर रीडरों’ (मीटर की रीडिंग करने वाले र्किमयों) की सेवा समाप्त कर दी गई है। बजट सत्र के दूसरे दिन ऊर्जा मंत्री ने प्रश्नकाल में समाजवादी पार्टी के सदस्य इंजीनियर सचिन यादव और डॉ संग्राम यादव के प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा,‘‘मैं बार-बार कह रहा हूं कि निजीकरण करते समय कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखा जाएगा। यह कार्य राज्य की जनता के हित में किया जा रहा है।’’ सदस्यों ने यह प्रश्न किया था कि क्या बिजली का निजीकरण किये जाने से ऊर्जा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के हितों को सुरक्षित रखने और बिजली की दरों में वृद्धि रोकने की कोई निश्चित कार्य योजना है। विपक्षी सदस्यों से शर्मा ने कहा कि 2017 में आप लोगों (समाजवादी पार्टी) की सरकार ने एक लाख 82 हजार करोड़ का घाटा देकर छोड़ा था।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के कमजोर एवं पिछड़े वर्गों समेत सभी वर्गों को निरंतर सस्ती एवं गुणवत्ता युक्त बिजली देने के लिए व्यापक जनहित में जो भी आवशय़क होगा वह किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया में काíमकों का हित सुरक्षित रखा जाएगा। शर्मा ने बताया कि 2020-21 से 2024-25 तक पांच वर्षों में किसी भी श्रेणी के विद्युत दरों में वृद्धि नहीं की गई है। उनका कहना था कि विद्युत दरों का निर्धारण माननीय उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा विद्युत अधिनियम 2003 में दिए गए प्रावधानों के अनुसार किया जाता है।

सपा के एक अन्य सदस्य महेन्द्र नाथ यादव के मीटर रीडिंग में गड़बड़ी संबंधी पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए शर्मा ने कहा कि बिजली बिल में गड़बड़ी की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई होती है। उन्होंने कहा कि गलत बिल बनाने वाले 3394 ‘मीटर रीडरों’ की सेवा समाप्त कर दी गयी है। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि इस आरोप में 28 व्यक्तियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करायी गयी है। समाजवादी पार्टी के स्वामी ओमवेश, महबूब अली और कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्र मोना के प्रश्नों के उत्तर में ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बिजली की मांग बढऩे के कारण बिजली घरों सहित विद्युत संरचना को सुदृढ़ करने के लिए व्यापक प्रयास किया जा रहे हैं। मंत्री का कहना था कि आरडीएसएस एवं बिजनेस प्लान में स्वीकृत धनराशि क्रमश: 16498 करोड रुपये एवं 5150 करोड़ रुपये से विद्युत संरचना के नए एवं सुदृढ़ीकरण के कार्य गत दो वर्षों से कराए जा रहे हैं।

Exit mobile version