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भारतीय सेना ने पुणे में मनाया 77वां सेना दिवस, पहली बार महिला अग्निवीर टुकड़ी की भागीदारी

दक्षिणी कमान के तहत यह परेड दूसरी बार आयोजित हुई, पहली बार 2023 में बेंगलुरु में हुई थी।

पुणे (आकाश द्विवेदी): भारतीय सेना ने 15 जनवरी 2025 को पुणे, महाराष्ट्र के बॉम्बे इंजीनियर्स ग्रुप एंड सेंटर परेड ग्राउंड में 77वें सेना दिवस का भव्य आयोजन किया। यह तीसरी बार है जब सेना दिवस परेड दिल्ली के बाहर आयोजित की गई है। दक्षिणी कमान के तहत यह परेड दूसरी बार आयोजित हुई, पहली बार 2023 में बेंगलुरु में हुई थी।

कार्यक्रम में विभिन्न सैन्य और नागरिक गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया, जिनमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि, दक्षिणी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ और महाराष्ट्र, गुजरात और गोवा क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल पवन चड्ढा शामिल थे। कार्यक्रम की शुरुआत कमांड वॉर मेमोरियल पर पुष्पांजलि समारोह के साथ हुई, जहां थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने देश की रक्षा में प्राणों की आहुति देने वाले वीर जवानों को श्रद्धांजलि दी।

परेड की सलामी लेते हुए जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सेना के बहादुर सैनिकों को सम्मानित किया। इस मौके पर 52 प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किए गए, जिनमें 15 सेना मेडल (गैलेंट्री) शामिल थे, जिनमें से 8 मरणोपरांत दिए गए। इसके अलावा 37 चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ यूनिट एप्रिसिएशन भी प्रदान किए गए। अपने संबोधन में जनरल द्विवेदी ने सभी सैनिकों, उनके परिवारों और सेना के दिग्गजों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि पुणे में सेना दिवस परेड का आयोजन ऐतिहासिक महत्व रखता है और यह क्षेत्र की समृद्ध सैन्य विरासत को दर्शाता है। उन्होंने देश की सीमाओं की सुरक्षा, आपदा राहत कार्यों और आंतरिक शांति बनाए रखने में सैनिकों के योगदान की सराहना की।

परेड में पहली बार महिला अग्निवीर टुकड़ी और महाराष्ट्र निदेशालय की एनसीसी गर्ल्स टुकड़ी ने भाग लिया, जो भारतीय सेना में महिलाओं की बढ़ती भूमिका का प्रतीक है। इसके अलावा, नेपाल आर्मी बैंड की भागीदारी ने भारत-नेपाल के गहरे संबंधों को भी प्रदर्शित किया। कार्यक्रम में सेना के अत्याधुनिक हथियारों और उपकरणों को भी प्रदर्शित किया गया।

इनमें के-9 वज्र होवित्जर, बीएमपी-2 सरथ कॉम्बैट व्हीकल, टी-90 टैंक, रोबोटिक म्यूल, स्वाथी वेपन लोकेटिंग रडार, और सरवत्र ब्रिजिंग सिस्टम शामिल थे। इन नवाचारों ने सेना की आधुनिक युद्ध में तत्परता को प्रदर्शित किया। समारोह में सैन्य बैंड का प्रदर्शन, महिलाओं और दिग्गजों की उपलब्धियों का सम्मान और भविष्य की तकनीकों पर आधारित झांकियां भी शामिल थीं। इनमें भारतीय सेना के मिशन ओलंपिक्स, नेट जीरो कार्बन एमिशन और तकनीकी प्रगति को उजागर करने वाली झांकियां प्रमुख रहीं।

जनरल द्विवेदी ने अपने संबोधन में भारतीय सेना की “डिकेड ऑफ ट्रांसफॉर्मेशन” पहल का उल्लेख करते हुए इसे सेना की तकनीकी उन्नति, परिचालन तत्परता और दक्षता को बढ़ाने वालाबताया। उन्होंने यह भी कहा कि सेना महिलाओं को सशक्त बनाने और सैनिकों व उनके परिवारों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्ध है। इस अवसर ने भारतीय सेना की शक्ति, समर्पण और आधुनिक तकनीकी क्षमताओं को प्रस्तुत किया, जो देश को सुरक्षित और मजबूत बनाने की दिशा में सेना की भूमिका को रेखांकित करता है।

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