लखनऊ। उत्तर प्रदेश में खरीफ क्रय वर्ष 2024-25 के अंतर्गत एजेंसियों द्वारा अब तक 2.86 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खरीद हो चुकी है। वर्ष 2023-24 में 13 नवंबर तक एजेंसियों द्वारा 2.20 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई थी, यानी इस वर्ष 65,820 मीट्रिक टन अधिक धान की खरीद हो चुकी है। किसानों को अब तक 543 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया जा चुका है। यह दावे बताते हैं कि विपक्ष हकीकत से दूर है और उसके दावे हवा-हवाई हैं।
सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर जनपदों व खाद्य-रसद विभाग के आलाधिकारी क्रय केंद्रों का नियमित निरीक्षण भी कर रहे हैं। सीएम के निर्देश पर किसानों को 48 घंटे के भीतर भुगतान भी किया जा रहा है। इस समय तेजी से धान खरीद हो रही है। खाद्य विभाग, पीसीएफ, यूपीएसएस, यूपीपीसीयू, मंडी परिषद और केंद्रीय एजेंसी भारतीय खाद्य निगम एजेंसियों द्वारा पिछले वर्ष 2023-24 तक 13 नवंबर की अवधि में 2.20 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई थी, जो इस वर्ष 65,820 मीट्रिक टन बढ़कर 2.86 लाख मीट्रिक टन से अधिक हो चुकी है।
इस वर्ष 42,845 किसानों से खरीद हुई है, जबकि पिछले वर्ष तक 35,863 किसानों से खरीद हुई थी। विगत सप्ताह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर धान खरीद को लेकर समीक्षा बैठक की थी। उन्होंने धान खरीद में तत्परता व पारदर्शिता बरतने का निर्देश देते हुए कहा था कि किसानों को हर हाल में 48 घंटे के भीतर भुगतान किया जाए। इसकी नियमित समीक्षा भी की जाए। इस वर्ष किसानों को अब तक 543 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया जा चुका है।
सीएम ने अफसरों को निर्देश दिया था कि किसानों के बैठने, छाया, पेयजल आदि की बुनियादी सुविधा भी क्रय केंद्रों पर होनी चाहिए। सीएम के निर्देश के उपरांत स्थानीय प्रशासन व खाद्य-रसद विभाग की तरफ से क्रय केंद्रों का नियमित निरीक्षण किया जा रहा है। मुख्यालय से इसकी मॉनिटरिंग भी की जा रही है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पहली अक्टूबर से धान खरीद शुरू हुई थी, जो 31 जनवरी 2025 तक चलेगी। इस अवधि में बरेली, मुरादाबाद, सहारनपुर, आगरा, अलीगढ़, मेरठ, झांसी और लखनऊ संभाग के हरदोई, सीतापुर व लखीमपुर खीरी में भी धान खरीद की जा रही है।