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UP में बांधों से छोड़ा गया लाखों क्यूसेक पानी, नदियों की बाढ़ से कई जिले प्रभावित

लखनऊ। नेपाल और उत्तराखंड के बांधों से छोड़े गये लाखों क्यूसेक पानी ने उत्तर प्रदेश के तराई और मैदानी इलाकों में बाढ़ के रूप में कहर बरपाना शुरू कर दिया है। जलभरण क्षेत्रों में व्यापक वर्षा और बांधों से पानी छोड़े जाने से उफनाई नदियों की बाढ़ से प्रदेश में छह जिलों के अनेक गांव प्रभावित हुए हैं। राहत आयुक्त कार्यालय से सोमवार को प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तराखण्ड के बनबसा बांध से रविवार रात करीब तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से पीलीभीत जिले में शारदा नदी उफान पर है और उसकी बाढ़ का पानी 20 गांवों में घुस गया है। प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिये राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम 32 नौकाओं की मदद से काम कर रही है।

रिपोर्ट के मुताबिक, बनबसा बैराज से छोड़े गये पानी से लखीमपुर खीरी में भी बाढ़ का असर दिख रहा है। यहां शारदा नदी खतरे के निशान को पार कर गयी है। नदी की बाढ़ से दो गांवों के पांच हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। यहां भी एनडीआरएफ की टीम तैनात की गयी है।

बलरामपुर और श्रवस्ती में राप्ती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। रिपोर्ट के अनुसार बलरामपुर में बाढ़ से 26 गांव प्रभावित हैं। बचाव कार्य के लिये राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और पीएसी की एक-एक टीम तैनात की गयी है। प्रभावित लोगों के लिये 19 शरणालय बनाये गये हैं।

श्रावस्ती में उफनाई राप्ती नदी की बाढ़ से तीन तहसीलों के 18 गांवों के लगभग 35 हजार लोग प्रभावित हैं। बचाव कार्य के लिये एसडीआरएफ और पीएसी की एक-एक टीम तैनात की गयी है। प्रभावित लोगों को बाढग़्रस्त क्षेत्रों से निकालने के लिये छह नौकाओं और नौ मोटरबोट की मदद ली जा रही है।

राहत आयुक्त कार्यालय की रिपोर्ट के मुताबिक, कुशीनगर में गंडक नदी भी उफान पर है और उसका जलस्तर खतरे के निशान के नजदीक पहुंच गया है। जिले में पांच गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। यहां बाढ़ प्रभावित लोगों को शरण देने के लिये 48 शरणालय बनाये गये हैं।

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