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इस इलाके से देर रात पिंजरे में कैद हुआ तेंदुआ, ट्रैप करने के लिए बांधी गई थी बकरी

बहराइच। उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के कर्तिनयाघाट वन्यजीव अभ्यारण्य के सुजाैली रेंज स्थित जंगल से सटे अयोध्यापुरवा गांव में हमलावर मादा तेंदुए को वन विभाग ने पिंजरे में कैद कर लिया। एक अधिकारी ने बृस्पतिवार को यह जानकारी दी। दुधवा बाघ अभयारण के क्षेत्रीय निदेशक ललित वर्मा ने बताया, ‘‘बुधवार शाम लगाए गए पिंजरे में रात करीब आठ बजे हमलावर मादा तेंदुए को कैद कर लिया गयाई जिसकी उम्र करीब चार वर्ष है। सुजाैली रेंज कार्यालय पर लाकर उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया और वह स्वस्थ है।’’ उन्होंने बताया कि थोड़ी ही देर बाद उसे कर्तनिया के ट्रांस गेरूआ जंगलों में छोड़ दिया जाएगा। वर्मा ने बताया कि इसके पहले 29 सितंबर की रात पकड़े गए नर तेंदुए को भी गेरूआ नदी के दूसरी ओर स्थित जंगल में छोड़ा गया था। उन्होंने बताया कि इसका फायदा यह है कि नदी उनके लिए अवरोध का काम करती है जिससे रिहायशी इलाकों में तेंदुओं के लौटने की आशंकाएं कम हो जाती हैं।
क्षेत्रीय निदेशक ने कहा, ‘‘पकड़े गये दोनों तेंदुए आदमखोर नहीं हैं। बरसात के मौसम में वन्यजीवों के प्राकृतिक वास स्थलों में पानी भर जाने से ये जानवर गांवों की तरफ आ जाते हैं, जहां अचानक किसी इंसान के सामने आ जाने अथवा अन्य किसी संदेह में दुर्घटनावश मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं होती हैं।’’ उन्होंने कहा कि अब मौसम खुलने लगा है और पूरी संभावना है कि तमाम वन्यजीव जंगल के भीतर अपने प्राकृतिक वास की ओर रवाना हो रहे होंगे।
वर्मा ने कहा, ‘‘कर्तनिघाट जंगल से सटे रिहायशी क्षेत्रों में दो तेंदुए घूमने रहे थे और दोनों को ही पकड़ लिया गया है। अब हमलों की आशंका काफी कम है लेकिन जंगल से सटे गांववालों को हर दिन सतर्क रहने की जरूरत है और गन्ने की फसल कटने तक गांववालों को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी चाहिए। वनर्किमयों को भी गश्त में कोताही न बरतने के निर्देश दिए गए हैं।’’ उन्होंने कहा कि जंगल से सटे सभी गांववालों को लगातार जागरूक किया जा रहा है कि वे घर के बाहर न सोएं, घर से बाहर अकेले न जाकर समूह में निकलें।
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