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गाजियाबाद नमो भारत स्टेशन पर जल्द खुलेगा को-वर्किग स्पेस मैट्रोडैस्क

गाजियाबाद: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) यात्रियों को बेहतर कनैक्टिविटी और सुविधाएं प्रदान करने के लिए लगातार नए कदम उठा रहा है। इसी क्रम में गाजियाबाद नमो भारत स्टेशन पर एक अत्याधुनिक को-वर्किग स्पेस ‘मैट्रोडैस्क’ खोलने की योजना बनाई गई है। यह अपनी तरह का पहला को-वर्किग मॉडल होगा, जो शहरी ट्रांजिट स्पेस को.

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गाजियाबाद: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) यात्रियों को बेहतर कनैक्टिविटी और सुविधाएं प्रदान करने के लिए लगातार नए कदम उठा रहा है। इसी क्रम में गाजियाबाद नमो भारत स्टेशन पर एक अत्याधुनिक को-वर्किग स्पेस ‘मैट्रोडैस्क’ खोलने की योजना बनाई गई है। यह अपनी तरह का पहला को-वर्किग मॉडल होगा, जो शहरी ट्रांजिट स्पेस को व्यावसायिक हब में बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। गाजियाबाद नमो भारत स्टेशन के कॉनकोर्स लेवल पर स्थित इस को-वर्किग स्पेस में 42 ओपन वर्कस्टेशन, 11 निजी कैबिन और 2 मीटिंग रूम होंगे, जिसमें एक समय में 42 व्यक्ति और 11 कंपनियां कार्य कर सकेंगी। यह हाई-स्पीड इंटरनैट, प्लग-एंड-प्ले वर्कस्टेशन और अत्याधुनिक तकनीकों से लैस होगा। बायोमैट्रिक एंट्री और डिजिटल की-कार्डस के माध्यम से स्मार्ट एक्सैस सुनिश्चित किया जाएगा।

गाजियाबाद-मेरठ मार्ग पर स्थित यह स्टेशन मेरठ तिराहा मोड़ और दिल्ली मैट्रो के शहीद स्थल नया बस अड्डा स्टेशन के पास होने के कारण भारी संख्या में यात्रियों को आकर्षति करता है। स्टेशन के अंदर स्थित होने से यह पेशेवरों के यात्र समय को कम करेगा और उनकी उत्पादकता को बढ़ाएगा। मैट्रोडैस्क में आरक्षण, मैंबरशिप प्रबंधन और कैशलैस लेनदेन के लिए एक समर्पित डिजिटल प्लेटफॉर्म होगा। यह स्पेस इंटरनैट ऑफ थिंग्स (आईओटी) सेवाओं से लैस होगा, जिससे स्मार्ट लाइटिंग, जलवायु नियंत्रण और मीटिंग रूम की स्वचालित बुकिंग संभव होगी। इसके अलावा, वीडियो कॉन्फ्रैंसिंग सैटअप, वायरलैस स्क्रीन शेयरिंग और तकनीकी रूप से उन्नत विचार-विमर्श क्षेत्र भी उपलब्ध होंगे।

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