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मुजफ्फरनगर: अल्पसंख्यक छात्र को थप्पड़ लगवाने की जांच के पर्यवेक्षण के लिए थाने पहुंचे आईजी

मुजफ्फरनगरः मेरठ परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) नचिकेता झा ने मुजफ्फरनगर जिले के मंसूरपुर थाना क्षेत्र के एक निजी विद्यालय की अध्‍यापिका द्वारा छात्रों से अल्पसंख्यक सहपाठी को कथित तौर पर थप्पड़ लगवाने के मामले की जांच के पर्यवेक्षण के लिए संबंधित थाने का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने घटना से संबंधित कई लोगों से अलग-अलग बातचीत की। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। खतौली के पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) रविशंकर ने मंगलवार को बताया कि मेरठ क्षेत्र के आईजी नचिकेता झा ने सोमवार को पीड़ित लड़के के परिवार और शिक्षक से अलग-अलग बात की और जांच के दस्तावेजों का निरीक्षण किया।

शीर्ष अदालत के निर्देश पर उत्तर प्रदेश सरकार ने खुब्बापुर कांड की जांच की निगरानी के लिए मेरठ क्षेत्र के आईजी नचिकेता झा को नामित किया था। उच्‍चतम न्यायालय ने 25 सितंबर को उत्तर प्रदेश सरकार को मुजफ्फरनगर में एक स्कूली लड़के को थप्पड़ लगवाने के मामले की जांच के लिए एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को नियुक्त करने का निर्देश दिया था। अल्पसंख्यक छात्र को कथित तौर पर उसकी शिक्षिका के निर्देश पर उसके सहपाठियों ने थप्पड़ मारा था। शीर्ष अदालत ने इस घटना को ‘गंभीर’ बताया था।

गौरतलब है कि एक वीडियो 25 अगस्त को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें एक स्कूल की अध्यापिका अपने छात्रों से अल्पसंख्यक समुदाय के एक लड़के को थप्पड़ मारने के लिए कह रही है और समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी भी कर रही है। शिक्षिका की पहचान तृप्ता त्यागी के रूप में हुई, जिसे यहां मंसूरपुर थाना क्षेत्र के खुब्बापुर गांव में एक निजी स्कूल के कक्षा दो के छात्रों से अल्पसंख्यक छात्र को मारने के लिए कहते हुए देखा जा सकता है।

पुलिस ने बताया कि खुब्बापुर गांव स्थित स्कूल की अध्यापिका तृप्‍ता त्‍यागी द्वारा एक छात्र को स्कूल का कार्य न करने पर कक्षा के अन्य छात्रों से पिटवाने और उसके खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने की घटना के संबंध में पीड़ित छात्र के परिजनों की शिकायत पर मंसूरपुर पुलिस द्वारा मामला दर्ज किया गया। दर्ज प्राथमिकी के अनुसार आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 323 (स्‍वेच्‍छा से किसी को चोट पहुंचाना) और 504 (शांतिभंग करने के इरादे से जानबूझकर किसी का अपमान) लगाई गयी है। घटना के बाद उत्तर प्रदेश शिक्षा विभाग ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।

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