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कर्मचारियों की पीड़ा के साथ न्याय ‘मानवता की दृष्टि’ ही कर सकती, ‘व्यवस्था का अहंकार’ नहीं: वरुण

लखनऊः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद वरुण गांधी ने अमेठी में अपने पिता संजय गांधी के नाम पर बने अस्पताल का पंजीकरण निरस्त करके उसकी सेवाओं पर रोक लगाये जाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि अस्पताल के 450 कर्मचारियों और उनके परिवार की पीड़ा के साथ न्याय ‘मानवता की दृष्टि’ ही कर सकती है, ‘व्यवस्था का अहंकार’ नहीं। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने शनिवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए लिखा सवाल संजय गांधी अस्पताल के 450 कर्मचारियों और उनके परिवार का ही नहीं, प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में इलाज कराने वाले राज्य के आम लोगों का भी है।

इसी पोस्ट में सरकार के फैसले पर निशाना साधते हुए गांधी ने कहा, ‘‘उनकी (कर्मचारियों) पीड़ा के साथ न्याय ‘मानवता की दृष्टि’ ही कर सकती है, ‘व्यवस्था का अहंकार’ नहीं। गांधी ने कहा कि कहीं ‘नाम’ के प्रति नाराजगी लाखों का ‘काम’ न बिगाड़ दे। गांधी ने इस पोस्ट में एक वीडियो भी साझा किया है जिसमें अस्पताल के कर्मचारियों और स्थानीय नागरिकों को अस्पताल बंद होने पर अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए सुना जा सकता है।

वरुण गांधी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पौत्र और संजय गांधी के पुत्र हैं। दिवंगत संजय गांधी अमेठी से सांसद रह चुके हैं। लाइसेंस निलंबन के विरोध में मंगलवार से 400 से अधिक कर्मचारियों ने अस्पताल के गेट पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। संजय गांधी चिकित्सालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने शुक्रवार को कहा था कि जब तक अस्पताल के लाइसेंस को बहाल नहीं किया जाता तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

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