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नमामि गंगे मिशन की पहल से नया इतिहास रच रहा प्रयागराज, महाकुम्भ में स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का अद्भुत संगम,

Prayagraj Creating New History

Prayagraj Creating New History

Prayagraj Creating New History : महाकुम्भ 2025 केवल एक आध्यात्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का जन-आंदोलन बन गया है। नमामि गंगे मिशन ने गंगा की निर्मलता और पवित्रता बनाए रखने के लिए 10 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) सक्रिय किए हैं, जबकि सलोरी, रसूलाबाद और नैनी में तीन नए एसटीपी पर तेजी से काम जारी है। 37 नालों को पूरी तरह टैप कर उनका उपचार किया जा चुका है, जिससे गंगा और यमुना की स्वच्छता सुनिश्चित हो रही है।

मेला क्षेत्र में स्वच्छता और सुविधा का नया मानक

श्रद्धालुओं की सुविधा और मेला क्षेत्र की स्वच्छता के लिए 12,000 एफआरपी टॉयलेट्स, 16,100 प्रीफैब्रिकेटेड स्टील टॉयलेट्स, 20,000 सामुदायिक मूत्रालय और 20,000 कचरा डिब्बे लगाए गए हैं। ठोस कचरा प्रबंधन के लिए 37.75 लाख लाइनर बैग का उपयोग हो रहा है, जिससे कचरे का कुशल निपटान सुनिश्चित किया जा सके।

गंगा सेवा दूत और जागरूकता अभियान

1,500 प्रशिक्षित ‘गंगा सेवा दूत’ मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं को स्वच्छता और गंगा संरक्षण के प्रति जागरूक कर रहे हैं। नुक्कड़ नाटक, पोस्टर अभियान और जन संवाद के माध्यम से स्वच्छता को जन-आंदोलन बनाया जा रहा है।

नमामि गंगे पवेलियन: जागरूकता का केंद्र

नमामि गंगे के कम्युनिकेशन हेड नजीब अहसन ने बताया कि नमामि गंगे पवेलियन में आधुनिक तकनीकों के जरिए गंगा की जैव विविधता, स्वच्छता प्रयास और पारिस्थितिकी को रोचक तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है। इंटरएक्टिव बायोडायवर्सिटी टनल गंगा के जलजीवों का संसार दिखा रही है, जबकि डिजिटल प्रदर्शनी गंगा स्वच्छता अभियानों की सफलता कहानियां बयां कर रही है।

रियल-टाइम मॉनिटरिंग और पर्यावरण संरक्षण मॉडल

प्रयाग मंच पर गंगा, यमुना और सहायक नदियों के जल स्तर और गुणवत्ता का रियल-टाइम डेटा प्रदर्शित किया जा रहा है। सीवेज ट्रीटमेंट मॉडल, रिवरफ्रंट डेवलपमेंट, और गांगेय डॉल्फिन की प्रतिकृति श्रद्धालुओं को पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रेरित कर रही है।

आधुनिक, स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल घाट

नमामि गंगे मिशन के तहत बने नए घाट पर्यावरण अनुकूल तकनीकों और सोलर लाइटिंग, आधुनिक चेंजिंग रूम और बैठने की व्यवस्था के साथ सुसज्जित हैं। घाटों पर स्वच्छता अभियान नियमित रूप से चल रहा है, जिससे गंगा की अविरलता और निर्मलता कायम है।

पेंट माय सिटी: कला के रंगों से सजा प्रयागराज

‘पेंट माय सिटी’ अभियान के तहत प्रयागराज की दीवारें और सार्वजनिक स्थल जीवंत कला और पर्यावरण संरक्षण के संदेशों से सजाए गए हैं। यह पहल स्वच्छता और सांस्कृतिक जागरूकता को गहराई से जोड़ रही है।

स्वच्छता का जन-आंदोलन: हर कदम गंगा की ओर

महाकुम्भ 2025 में गंगा टास्क फोर्स, स्वयंसेवी संगठनों और श्रद्धालुओं की मदद से नदी घाटों की सफाई की जा रही है। कचरा प्रबंधन, जल शुद्धिकरण और जन-जागरूकता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि गंगा सदैव निर्मल और अविरल बनी रहे।

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