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राममंदिर निर्माण : ऑडिटोरियम छोड़कर सभी कार्य दिसंबर तक हो जाएंगे पूरे, सूर्य की किरण से तिलक की होगी स्थाई व्यवस्था : नृपेंद्र मिश्र

Ayodhya: Ram Mandir decorated with flowers as part of preparations for its consecration ceremony, in Ayodhya, Monday, Jan. 22, 2024. (PTI Photo/Vijay Joshi)(PTI01_22_2024_000011A)

अयोध्या। अयोध्या में बने राम मंदिर को और आकर्षक बनाने के लिए मंदिर समिति नित नए आयाम गढ़ रहा है। राम मंदिर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि श्री राम मंदिर में ऑडिटोरियम को छोड़कर सभी कार्य इस साल दिसंबर तक पूर्ण हो जाएंगे। इस बार सूर्य की किरण से रामलला के तिलक की व्यवस्था स्थाई होगी। राम मंदिर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने मंगलवार को पत्रकारों को बताया कि बैठक कल भी हुई थी और आज भी होने जा रही है। आज मुख्य रूप से संग्रहालय का काम देखा जाएगा। प्रयास होगा कि वहां पर बनने वाली 20 गैलरी के काम की शुरुआत कर दी जाए। ऑडिटोरियम को छोड़कर सभी कार्य दिसंबर तक पूर्ण हो जाएंगे। ऑडिटोरियम का काम बहुत बड़ा है, इसलएि वलिंब हो रहा है।

सूर्य करिण की स्थाई व्यवस्था 20 वर्षों की होगी
रामनवमी में जो सूर्य किरण की व्यवस्था की जानी है, उसकी भी चर्चा की है। सूर्य करिण की स्थाई व्यवस्था 20 वर्षों की होगी। दुनयिा भर के श्रद्धालुओं के लएि इसे देखने की व्यवस्था की जाएगी। जो श्रद्धालु इसका अनुभव और दर्शन करना चाहते हैं, उनके लएि व्यवस्था होगी। उन्होंने बताया कि अयोध्या में बनने वाले चार द्वारों के नाम महापुरुषों के नाम पर रखने को लेकर पिछली बैठक में सैद्धांतिक रूप से सहमति मिल गई थी। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को अधिकृत किया गया है कि वह उसकी घोषणा करेंगे। मैं आशा करता हूं कि रामनवमी के समय वो इसकी घोषणा कर देंगे।

नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि गर्मी बहुत ज्यादा पड़ रही है। श्रद्धालुओं को इससे बचाव की सुविधा की जा रही है। अप्रैल के अंत तक कैनोपी बन सकेगी। ट्रस्ट ने यह निर्णय लिया है कि अगर जरूरत पड़ेगी तो टेम्परेरी कैनोपी और मैट की व्यवस्था होगी। जिससे श्रद्धालुओं को कुछ राहत मिल सके। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के समय दो और मूर्तियां मंगाई थीं। उनकी स्थापना के बारे में नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि उन दोनों मूर्तियों की स्थापना कहां होगी। इस बारे में अभी कोई निर्णय नहीं हो सका है। राम दरबार की स्थापना मई के पहले पखवाड़े में होगी। वे पहले तल पर विराजमान होंगे। प्रथम तल पर दर्शन के लिए पास की व्यवस्था होगी। एक घंटे में 50 व्यक्ति ऊपर जाएंगे। एक दिन में 750 और 800 के बीच लोग राम दरबार का दर्शन करेंगे।

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