Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the rocket domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114
जानें यहां भ्रूण हत्या मुक्ति के लिए किया गया 82 हजार अजन्मी बच्चियों का श्राद्ध - Dainik Savera Times | Hindi News Portal
विज्ञापन

जानें यहां भ्रूण हत्या मुक्ति के लिए किया गया 82 हजार अजन्मी बच्चियों का श्राद्ध

वाराणसीः पुत्र चाहत में भ्रूण हत्या की मुक्ति के लिए एक गैर सरकारी संस्था द्वारा आध्यात्मिक नगरी वाराणसी में मोक्षदायिनी गंगा के तट पर मोक्ष की कामना से 10 वर्ष से लगातार विधि-विधान से पिंडदान और तर्पण करने का कार्य किया जा रहा है। संस्था अभी तक 82 हजार भ्रूण में मारी गयी बच्चियों के.

- विज्ञापन -

वाराणसीः पुत्र चाहत में भ्रूण हत्या की मुक्ति के लिए एक गैर सरकारी संस्था द्वारा आध्यात्मिक नगरी वाराणसी में मोक्षदायिनी गंगा के तट पर मोक्ष की कामना से 10 वर्ष से लगातार विधि-विधान से पिंडदान और तर्पण करने का कार्य किया जा रहा है। संस्था अभी तक 82 हजार भ्रूण में मारी गयी बच्चियों के लिए पिंडदान एवं तर्पण का कार्य कर चुकी है। ‘आगमन संस्था’ के संस्थापक डा. संतोष ओझा ने बताया कि संस्था की स्थापना 1989 में किया गया था। संस्था अनेक प्रकार की सामाजिक कार्य करती थी। 2001 से संस्था की टीम एड्स महामारी पर जनजागरण अभियान चलाया करती थी। इसी दौरान कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए संस्था की ओर से अभियान चलाया गया।

डॉ. संतोष ने बताया कि एड्स जनजागरण अभियान के दौरान ही एक ऐसे व्यक्ति से मुलाकात हुई जिसने बेटे की चाह में पत्नी के गर्भ में ही पल रही पुत्री के भ्रूण को नष्ट कर दिया। उन्होंने बताया कि इस घटना ने उन्हें अंदर तक झकझोर दिया। तब विचार आया कि हम किसी मां के पेट में पल रहे बेटी वाले भ्रूण की हत्या को नहीं रोक सकते लेकिन उन्ही बेटियों की मोक्ष के लिए पिंडदान और तर्पण तो कर सकते हैं। इसी क्रम में भ्रूण हत्या में मारी गयी बच्चियों की मोक्ष की कामना के लिए वर्ष 2013 से संस्था कार्य करने लगी।

डा. ओझा ने बताया कि संस्था चालू वर्ष के पितृपक्ष में 15 हजार अनाम, ज्ञात और अज्ञात बेटियों के मोक्ष की कामना के लिए पिंडदान और तर्पण का कार्य किया है। इससे पहले पिछले नौ वर्षों में संस्था ने 67 हजार अजन्मी बच्चियों की मुक्ति के लिए विधि-विधान से श्राद्ध कर्म किया।

Latest News