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संजय गांधी अस्पताल के लाइसेंस निलंबन के खिलाफ कर्मचारियों का धरना जारी, सपा विधायक ने दी चेतावनी

अमेठीः अमेठी में इलाज में कथित लापरवाही के कारण एक महिला की मौत के बाद संजय गांधी अस्पताल के लाइसेंस को निलंबित करने के खिलाफ मंगलवार से शुरू कर्मचारियों का धरना शुक्रवार को भी जारी रहा। वहीं, समाजवादी पार्टी (सपा) के गौरीगंज से विधायक राकेश प्रताप सिंह ने अस्पताल के लाइसेंस को निलंबित कर सभी सेवाओं पर रोक लगाये जाने के खिलाफ शुक्रवार को जिलाधिकारी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने राज्यपाल को संबोधित ज्ञपन सौंपा जिसमें सात दिन के भीतर अस्पताल की सेवाएं दोबारा बहाल नहीं करने की स्थिति में पूरे जिले में जन आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी गई है। कांग्रेस पार्टी की छात्र शाखा एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष सौरभ मिश्र के नेतृत्व में भी कार्यकर्ताओं ने आज जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्र को ज्ञपन देकर संजय गांधी अस्पताल के लाइसेंस को बहाल कर अस्पताल में सेवाएं दोबारा शुरू करने की मांग की। संजय गांधी अस्पताल के लाइसेंस को दिव्या शुक्ला (22) नामक एक महिला मरीज की मौत के बाद 17 सितंबर को निलंबित कर दिया गया था।

महिला रोगी को 14 सितंबर को प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसके पति ने दावा किया कि दिव्या के इलाज में लापरवाही की गई जिसकी वजह से अंतत: उसकी मौत हो गई। इसके पहले 16 सितंबर की देर शाम परिजनों ने दिव्या के शव को अस्पताल के मुख्य द्वार पर रखकर देर रात तक प्रदर्शन किया था। पुलिस प्रशासन ने परिजनों की तहरीर पर संजय गांधी अस्पताल के सीईओ अवधेश शर्मा, एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉक्टर सिद्दीकी, जनरल सजर्न मोहम्मद रजा और फिजिशियन डॉक्टर शुभम द्विवेदी के खिलाफ मुंशीगंज थाने में गैर इरादतन हत्या की धारा के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने मामले का संज्ञन लेते हुए जांच कर कार्रवाई का निर्देश दिया, जिसके बाद अस्पताल को सीज करते हुए पंजीकरण निलंबित कर दिया गया था। संजय गांधी अस्पताल का संचालन दिल्ली स्थित संजय गांधी मेमोरियल ट्रस्ट करता है। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी इस ट्रस्ट की अध्यक्ष हैं तथा पार्टी नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा इसके सदस्य हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी, अंशुमान सिंह ने कहा, मृतक महिला के ससुर राम कुमार पांडे ने पुलिस और स्वास्थ्य विभाग में शिकायत दर्ज कराई है और कथित लापरवाही के लिए अस्पताल के डॉक्टरों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

उन्होंने बताया था कि अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी राम प्रसाद के नेतृत्व में तीन डॉक्टरों की टीम ने जांच की थी जिसमें अस्पताल की लापरवाही पाई गई और उसका लाइसेंस निलंबित कर दिया गया। लाइसेंस निलंबन के विरोध में मंगलवार से 400 से अधिक कर्मचारियों ने अस्पताल के गेट पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया। राकेश प्रताप सिंह ने जिलाधिकारी से मुलाकात में कहा कि यह कार्रवाई पूरी तरीके से असंवैधानिक और राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रशासन को तीन महीने का समय अपना पक्ष रखने के लिए दिया जाना चाहिए था जो नहीं किया गया। विधायक ने आरोप लगाया कि राजनीतिक द्वेष की भावना से अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की गई है। अस्पताल के लाइसेंस को निलंबित किए जाने के विरोध में आज चौथे दिन भी कर्मचारियों और डॉक्टरों का ‘सत्याग्रह’ और धरना जारी है।

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