प्रधानमंत्री की प्रेरणा से 6 वर्षों में Uttar Pradesh में विश्वस्तरीय शहरी बुनियादी सुविधाओं में हुआ अभूतपूर्व विस्तार : CM Yogi

उत्तर प्रदेश : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से विगत 6 वर्षों में उत्तर प्रदेश में विश्वस्तरीय नगरीय अवस्थापना सुविधाओं में अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। आरआरटीएस और मेट्रो जैसी अत्याधुनिक नगरीय परिवहन सुविधाएं हों या शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, इण्टीग्रेटेड टाउनशिप का विकास, एक्सप्रेस-वे की रफ्तार हो या कूड़ा.

उत्तर प्रदेश : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से विगत 6 वर्षों में उत्तर प्रदेश में विश्वस्तरीय नगरीय अवस्थापना सुविधाओं में अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। आरआरटीएस और मेट्रो जैसी अत्याधुनिक नगरीय परिवहन सुविधाएं हों या शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, इण्टीग्रेटेड टाउनशिप का विकास, एक्सप्रेस-वे की रफ्तार हो या कूड़ा प्रबन्धन की व्यवस्था, हर क्षेत्र में तकनीक की मदद से आम शहरवासी को ‘ईज ऑफ लिविंग’ का अनुभव हो रहा है। योगी यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश के संतुलित, समावेशी, सुस्थिर नगरीय विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप अगर हमें 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य प्राप्त करना है, तो हमें शहरीकरण को बढ़ाना होगा। इसमें आवास विभाग और विकास प्राधिकरणों की भूमिका महत्वपूर्ण है। निवेश, रोजगार और नवाचार के लिए तकनीक की मदद से विकास प्राधिकरणों को स्वतः स्फूर्त से आगे बढ़ना होगा। नगरों का नियोजन आगामी 50 वर्षों की आवश्यकताओं के दृष्टिगत किया जाना चाहिए, जबकि महायोजना न्यूनतम 20 वर्ष की अवधि की होनी चाहिए। योगी ने कहा कि प्राधिकरणों और नगरीय निकायों में भू-माफियाओं के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ कठोरतम कार्रवाई का दौर लगातार जारी रहेगा। भूमि सरकारी हो या निजी, अवैध कब्जे की हर शिकायत पर पूरी संवेदनशीलता के साथ त्वरित कार्रवाई होगी। उत्तर प्रदेश में किसी गरीब के घर पर दबंग का कब्जा कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता।

भू-माफियाओं के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई से जनता में सकारात्मक संदेश गया है। लोगों के मन में शासन-प्रशासन के प्रति विश्वास का संचार हुआ है। विगत दिनों प्रयागराज विकास प्राधिकरण द्वारा लूकरगंज में भू-माफिया से मुक्त करायी गयी भूमि पर प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत 78 परिवारों को उनके घर की चाभी सौंपी गई है। यह क्रम सतत जारी रखा जाए। इसी प्रकार, लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा भू-माफिया से मुक्त करायी गयी लगभग 3,000 वर्ग मीटर भूमि पर भी गरीबों के लिए आवास तैयार कराए जाएं। यह कार्य प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाए। सभी प्राधिकरण, स्थानीय निकाय यह सुनिश्चित करें कि कहीं भी किसी भी परिस्थिति में अवैध बस्तियां कॉलोनी बसने न पाए। हर कॉलोनी में सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध हों।

योगी ने कहा कि समाज के हर व्यक्ति को सम्मान के साथ जीवन जीने का अधिकार है। अन्त्योदय के भाव के साथ हमें मलिन बस्तियों के पुनरुद्धार के कार्य को तेज करने की आवश्यकता है। सभी विकास प्राधिकरण बहुमंजिला आवासीय परिसर तैयार करें। मलिन बस्तियों में निवासरत लोगों के लिए यह बड़ा उपहार होगा। प्रधानमंत्री की भावनाओं के अनुरूप अयोध्या के समग्र विकास की हर परियोजना शासन की प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में धर्मनगरी अयोध्या का विकास त्रेतायुगीन वैभव के अनुरूप किया जा रहा है। अयोध्या में पुरातन संस्कृति सभ्यता के संरक्षण के साथ-साथ भविष्य की जरूरतों को देखते हुए आधुनिक पैमाने के अनुसार सभी नगरीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार संकल्पित है।

योगी ने कहा कि विगत 6 वर्षों में प्रदेश में शहरीकरण तेजी से बढ़ा है। जन अपेक्षाओं के अनुरूप बड़ी संख्या में नए नगरीय निकायों का सृजन किया गया है। साथ ही, अनेक नगरीय निकायों का सीमा विस्तार किया गया है। संतुलित, समावेशी और सुस्थिर विकास के दृष्टिगत नगर पालिका परिषद तथा क्षेत्र पंचायत में नियोजित विकास हेतु लोकल प्लानिंग अथॉरिटी का गठन किए जाने की आवश्यकता है। इसी प्रकार, प्रदेश स्तर पर टाउन प्लानिंग निदेशालय का गठन किया जाए। नियोजित विकास को ध्यान में रखते हुए नगर एवं ग्राम नियोजन अधिनियम तैयार करें। इस सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही की जाए। योगी ने कहा कि सभी विकास प्राधिकरण और औद्योगिक विकास प्राधिकरण अपनी भूमि का लैंड ऑडिट कराएं तथा लैंड रिकार्ड्स को डिजिटाइज किया जाए। लैण्ड रिकार्ड्स का स्थलीय सत्यापन कराया जाए।

औद्योगिक विकास प्राधिकरणों की भांति विकास प्राधिकरण के विकास क्षेत्र में स्थित ग्राम समाज की भूमि को विकास प्राधिकरणों को दुर्बल/अल्प आय वर्ग के भवनों के निर्माण अथवा जनसुविधाओं के विकास हेतु निःशुल्क हस्तान्तरित किया जाना उचित होगा। इस सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही की जाए। राजधानी लखनऊ आज मेट्रोपोलिटन सिटी के रूप में अत्याधुनिक नगरीय सुविधाओं से लैस हो रही है। विभिन्न नगरों से लोग यहां आकर अपना स्थायी निवास बनाना चाहते हैं। आस-पास के जिलों में भी जनसंख्या का दवाब बढ़ रहा है और कई बार अनियोजित विकास की शिकायतें भी मिलती हैं। ऐसे में भविष्य की आवश्यकता को देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की तर्ज पर ‘उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र’ का गठन किया जाना है। इससे सम्बन्धित वैधानिक कार्यवाही को तेजी से पूरा किया जाए।

योगी ने कहा कि विगत 6 वर्षों में सतत प्रयास से प्रदेश में विश्वस्तरीय आधुनिक नगरीय परिवहन सेवाएं उपलब्ध हुई हैं। आज लखनऊ, कानपुर, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद में मेट्रो सेवा संचालित है। दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस, आगरा और कानपुर मेट्रो की निर्माणाधीन परियोजना को तेजी के साथ तय समय-सीमा के भीतर पूरा किया जाए। काशी में कैण्ट रेलवे स्टेशन से गिरजाघर तक बनने वाली रोप-वे परियोजना आमजन को एक अनूठी नगरीय परिवहन व्यवस्था से परिचय कराएगी। इस परियोजना को शीर्ष प्राथमिकता के साथ आगे बढ़ाया जाए। हर विकास प्राधिकरण में टाउन प्लानर की तैनाती की जाए। योग्य, दक्ष युवाओं का चयन कर उन्हें प्रशिक्षण दिया जाए। इस कार्य में आईआईटी अथवा राज्य सरकार के तकनीकी शैक्षणिक संस्थानों का सहयोग लिया जाना चाहिए।

योगी ने कहा कि जहां कहीं भी ग्रीन बेल्ट है, वहां किसी भी दशा में नई कॉलोनी न बसने पाए। इसे महायोजना में शामिल करें। नई कॉलोनी के विकास के साथ वहां सड़क, सीवर, बिजली, पानी जैसी सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाए। आज उत्तर प्रदेश बड़े राष्ट्रीय-अन्तरराष्ट्रीय कार्यक्रमों की मेजबानी कर रहा है। प्रदेश के हर शहर को ऐसे अवसर मिलें, इसके लिए अवस्थापना सुविधाओं का विकास आवश्यक है। सभी मण्डल मुख्यालयों पर अन्तरराष्ट्रीय स्तर के कन्वेंशन सेण्टर विकसित किए जाएं। योगी ने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डॉलर की बनाने में आवास सेक्टर की बड़ी भूमिका है। हमें आगामी 5 वर्षों में 100 नई टाउनशिप्स विकसित करने का लक्ष्य लेकर कार्य करना होगा।

इन टाउनशिप्स के विकास के लिए यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 में विभिन्न विकासकर्ताओं ने प्रस्ताव दिए हैं। इन्हें समयबद्ध रूप से क्रियाशील किया जाए। भवन का मानचित्र पास कराने, शुल्क जमा करने जैसी छोटी-छोटी जरूरतों के लिए आम आदमी को परेशान न होना पड़े। इसके लिए विभागीय प्रक्रिया को सरल बनाना होगा। इसमें तकनीक की मदद लें। हर पखवाड़े में मानचित्र निस्तारण के लिए मानचित्र समाधान दिवस का नियमित आयोजन किया जाए। इस तिथि का प्रचार-प्रसार करें। आमजन को आवेदन प्रस्तुत करने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों का विकल्प दिया जाए।

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