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होली को लकेर UP पुलिस ने संवेदनशील इलाकों में बढ़ाई निगरानी, कड़े सुरक्षा इंतजाम

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस ने होली के त्योहार को शांतिपूर्ण तरीके से मनाने के लिए पूरे राज्य में सुरक्षा उपाय तेज कर दिए हैं। इसके तहत सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील इलाकों की कड़ी निगरानी की जा रही है, गश्त बढ़ा दी गई है और निगरानी के लिए ड्रोन की तैनाती की जा रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि होली और रमजान के महीने के जुमे (शुक्रवार) की नमाज एक ही दिन होने के कारण पुलिस सोशल मीडिया पर लगातार नजर रख रही है, ताकि किसी भी तरह की भड़काऊ सामग्री या फर्जी खबरों पर लगाम लगाई जा सके। अधिकारी ने बताया कि बृहस्पतिवार रात होलिका दहन और शुक्रवार को होली मनाई जाएगी, इसलिए अधिकारी कानून-व्यवस्था की किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए व्यापक सुरक्षा योजना लागू कर रहे हैं।

पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार द्वारा जारी निर्देशों पर कार्रवाई करते हुए सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए संवेदनशील स्थानों पर पुलिस की टुकड़ियां तैनात की गई हैं। बाजारों और त्योहार मनाए जाने वाले स्थलों सहित अधिक भीड़-भाड़ वाले इलाकों में व्यापक गश्त की जा रही है। भीड़ की आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए रणनीतिक बिंदुओं पर अवरोधक लगाए गए हैं।
अधिकारी ने कहा कि गतिविधियों पर नजर रखने और संभावित खतरों की तेजी से पहचान करने के लिए ड्रोन और सीसीटीवी से निगरानी की जा रही है। अधिकारी ने डीजीपी के निर्देशों का हवाला देते हुए कहा, ‘‘सार्वजनिक उपद्रव और अव्यवस्थित आचरण को रोकने के लिए, पुलिस दल सार्वजनिक स्थानों, शराब की दुकानों के पास और वाहनों के अंदर शराब पीने पर सख्ती से प्रतिबंध लगा रहे हैं। औचक निरीक्षण किए जा रहे हैं और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जा रही है।’’ इसके अलावा, स्थानीय पुलिस त्योहार के दौरान सद्भाव की भावना को बढ़ावा देने के लिए धाíमक नेताओं, शांति समितियों और समुदाय के प्रभावशाली लोगों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ रही है।

उन्होंने कहा, ‘चिंताओं को दूर करने और शांतिपूर्ण समारोहों के महत्व को सुदृढ़ करने के लिए विभिन्न जिलों में प्रमुख हितधारकों के साथ बैठकें की गई हैं।’’ इससे पहले डीजीपी ने यातायात प्रबंधन को प्राथमिकता देने का भी निर्देश दिया था। डीजीपी ने भीड़भाड़ वाले इलाकों में वाहनों की आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए अधिकारियों को तैनात करने और खासकर प्रमुख समारोह स्थलों एवं शहर के केंद्रों के आसपास बाधाओं को रोकने के लिए आवशय़कता पड़ने पर यातायात मार्ग परिवर्तन लागू करने का भी निर्देश दिया था।

कुमार ने जोर देकर कहा, ‘‘सरकारी अस्पताल अलर्ट पर हैं, आपातकालीन चिकित्सा दल और एम्बुलेंस सेवाओं को किसी भी घटना से निपटने के लिए तैयार रखा गया है। तत्काल सहायता सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख सार्वजनिक सभा स्थलों पर आपातकालीन प्रतिक्रिया इकाइयां तैनात की गई हैं।’’ इस बीच, गलत सूचना और भड़काऊ सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए सोशल मीडिया पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। उप्र पुलिस के अनुसार, एक समर्पित पुलिस टीम डिजिटल मंच की निगरानी कर रही है। फर्जी खबरों की पहचान की जा रही है और हिंसा या दहशत फैलाने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

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