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UP में चकबंदी विभाग में लापरवाह और भ्रष्टाचारी अधिकारियों पर गिरी गाज

लखनऊः पद के दुरुपयोग, काम में लापरवाही और भ्रष्टाचार के खिलाफ उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार लगातार हंटर चला रही है। इसी क्रम में चकबन्दी कार्यों का निर्वहन न किए जाने पर चकबन्दी अधिकारी, मुजफ्फरनगर अनुज सक्सेना को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है, जबकि बलिया में कार्यरत चकबन्दी अधिकारी शिव शंकर प्रसाद सिंह की एक वेतन वृद्धि स्थायी रूप से रोकने के अलावा मेरठ के सहायक चकबन्दी अधिकारी मनोज कुमार नीरज को निलम्बित कर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया है। चकबन्दी आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने बताया कि अमरोहा में कार्यरत सहायक चकबन्दी अधिकारी, नितिन चौहान के खिलाफ अनुशासनिक कार्यवाही प्रारम्भ की गई है।

जनपद इटावा के ग्राम बनी में कार्यों की अनियमितता के लिए चकबन्दी अधिकारी, अवधेश कुमार गुप्ता व सहायक चकबन्दी अधिकारी, संतोष कुमार यादव व सहायक चकबन्दी अधिकारी अखिलेश कुमार के खिलाफ विभागीय कार्यवाही प्रारंभ की गई है व चकबन्दी लेखपाल ओम नारायण को निलम्बित कर दिया गया। उन्होंने बताया कि प्रदेश के समस्त चकबन्दी प्राधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि अपने पदीय दयित्वों का निर्वहन सही रूप से नहीं किया तो उनके विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी। जीएस नवीन कुमार ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में अब तक कुल 1,34,425 वादों का निस्तारण किया जा चुका है।

इसके वित्तीय वर्ष 2023-24 में अब तक कुल 231 ग्रामों की चकबन्दी प्रक्रिया पूर्ण कराकर जोत चकबन्दी अधिनियम की धारा-52 (1) के अन्तर्गत प्रख्यापन कराया गया है। ग्रामों को जोत चकबन्दी अधिनियम की धारा-6 (1) के अन्तर्गत चकबन्दी प्रक्रियाओं से अलग कर दिया गया है। जिन ग्रामों की चकबन्दी प्रक्रिया पूर्ण करा कर धारा-52(1) का प्रख्यापन कराया जा चुका है, उन ग्रामों में राजस्व तथा चकबन्दी प्राधिकारियों द्वारा भ्रमण कर चकबन्दी से सम्बन्धित समस्याओं का निस्तारण किया जा रहा है।

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