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Ayushman Card बनाने में देश भर में Uttar Pradesh रहा अव्वल

लखनऊः आयुष्मान भारत के तहत आयुष्मान कार्ड बनाने में उत्तर प्रदेश देश भर में अग्रणी राज्य बनकर उभरा है। आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि आयुष्मान कार्ड बनाने में उत्तर प्रदेश देश में पहले नंबर पर आया है जिसके बाद मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश है। स्टेट एजेंसी फॉर कम्प्रिहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज़ (सांची) की सीईओ संगीता सिंह ने बताया कि गरीब लोगों को निशुल्क और गुणवत्तापूर्ण इलाज उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश के पात्र लाभार्थियों के शत-प्रतिशत आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है। इसके लिए समय-समय पर प्रदेश भर में विशेष अभियान भी चलाया जाता है।

उन्होने बताया कि प्रदेश में अब तक 1 करोड़ 80 लाख परिवार के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। इसमें से एक करोड़ 31 लाख परिवार के आयुष्मान कार्ड प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत बनाए गए हैं, जबकि 56 लाख परिवार के आयुष्मान कार्ड मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत बनाए गए हैं। उत्तर प्रदेश पूरे देश में 4 करोड़ 15 लाख 41 हजार 992 से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाकर पहले पायदान पर है, जबकि दूसरे स्थान पर मध्य प्रदेश है, जहां अब तक 3 करोड़ 70 लाख आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं। वहीं तीसरे स्थान पर छत्तीसगढ़ है, जहां 2 करोड़ 3 लाख कार्ड धारक हैं, जबकि चौथे स्थान पर कर्नाटक और पांचवें स्थान पर आंध्र प्रदेश है। कर्नाटक में 1 करोड़ 51 लाख और आंध्र प्रदेश में 1 करोड़ 40 लाख आयुष्मान कार्ड धारक हैं।

सांची की सीईओ ने बताया कि प्रदेश में कुल लाभार्थियों में से 70 प्रतिशत परिवारों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। योगी सरकार ने पात्र लाभार्थियों के शत-प्रतिशत कार्ड बनाने के लिए विशेष अभियान चलाया है। वहीं इलाज के लिए लाभार्थियों को भटकना न पड़े इसके लिए योगी सरकार अब तक प्रदेश के 3,662 अस्पतालों को आयुष्मान कार्ड से जोड़ चुकी है। इसमें 1118 सरकारी और 2544 निजी अस्पताल शामिल हैं। इन अस्पतालों द्वारा 27,62,262 लाभार्थियों का इलाज किया जा चुका है। इनमें से कई ऐसे लाभार्थी हैं जिन्होंने दो से तीन बार इलाज कराया है। वहीं अति गंभीर बीमारी किडनी ट्रांसप्लांट, हार्ट सर्जरी, हार्ट डिजीज, कूल्हा-घुटना प्रत्यारोपण और कैंसर के इलाज के साथ सर्जरी कराने वाले 4,37,290 लाभार्थी भी शामिल हैं। इसके लिए अब तक 3,914 करोड़ की धनराशि खर्च की जा चुकी है। इसमें से 1502 करोड़ की धनराशि अति गंभीर बीमारी के इलाज में खर्च की गई है।

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