बसंत पंचमी पर भूलकर भी ना करें ये काम, मां सरस्वती जी हो जाएंगी नाराज

विद्या, कला और संगीत की देवी सरस्वती की विशेष पूजा-आराधना बसंत पंचमी के दिन की जाती है। बसंत पंचमी हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। इस साल बसंत पंचमी 26 जनवरी दिन गुरुवार को मनाई जा रही है। इस दिन बहुत से शुभ मुहूर्त भी बन रहे.

विद्या, कला और संगीत की देवी सरस्वती की विशेष पूजा-आराधना बसंत पंचमी के दिन की जाती है। बसंत पंचमी हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। इस साल बसंत पंचमी 26 जनवरी दिन गुरुवार को मनाई जा रही है। इस दिन बहुत से शुभ मुहूर्त भी बन रहे है। माना जा रहा है कि इस दिन कोई भी शुभ कार्य बिना किसी मुहूर्त के शुरू किया जा सकता है। लेकिन क्या आप जानते है कि इस दिन कुछ कार्य करने से मां सरस्वती जी निराश इसलिए कुछ कार्य नहीं करने चाहिए। आइए जानते है वह कुछ कार्य जो हमें बसंत पंचमी के दिन भूल कर भी नहीं करने चाहिए।

पेड़-पौधे नहीं काटें
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बसंत पंचमी के दिन भूलकर भी किसी पेड़-पौधे को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए. फिर चाहे बात उनकी कटाई-छटाई की हो या फूल तोड़ने की, गलती से भी ऐसा नहीं करना चाहिए.

सात्विक भोजन ग्रहण करें
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती का अवतरण हुआ था, इस दिन मांसाहार और शराब का सेवन करने से बचना चाहिए. इससे माता सरस्वती नाराज हो सकती हैं. मनुष्य को इस दिन सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए. तामसिक भोजन से मनुष्य गुस्सा होता है और उसके मन में दूसरे के प्रति बुरे विचार आते हैं. बसंत पंचमी के दिन दूसरों के लिए बुरे विचार लाने से भी बचना चाहिए.

ना करें धूम्रपान
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार बसंत पंचमी का दिन बेहद शुभ और पवित्र दिन माना गया है. इस दिन धूम्रपान भी नहीं करना चाहिए.

ना करें किसी बात की अवहेलना
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार बसंत पंचमी के दिन अपनों से बड़ों के पैर छूकर उनसे आशीर्वाद लेना चाहिए. उनका आदर सम्मान करना चाहिए. इस दिन किसी की भी अवहेलना नहीं करना चाहिए.

इस रंग के कपड़े ना पहनें
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बसंत पंचमी के दिन काले रंग के वस्त्र धारण करने से हर स्त्री-पुरुष को बचना चाहिए. इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनना बेहद शुभ माना जाता है.

ना करें कंघी
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार बसंत पंचमी के दिन सुबह के समय स्नानादि से निवृत्त होकर बालों में कंघी कर लें. परंतु सूर्यास्त के बाद इस दिन कंगी करने से बचना चाहिए. हिंदू धार्मिक ग्रंथों में कंघी को लेकर कई नियम बताए गए हैं.

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