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शेयर बाजारों में लगातार तीसरे दिन गिरावट, सेंसेक्स 453 अंक और टूटा

मुंबई: वैश्विक स्तर पर मिले-जुले संकेतों और आईटी शेयरों की बिकवाली के बीच घरेलू शेयर बाजारों में लगातार तीसरे दिन शुक्रवार को गिरावट का रुख बना रहा और प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 60,000 अंक से नीचे आ गया। कारोबारियों ने कहा कि विदेशी पूंजी की निकासी का सिलसिला जारी रहने और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये.

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मुंबई: वैश्विक स्तर पर मिले-जुले संकेतों और आईटी शेयरों की बिकवाली के बीच घरेलू शेयर बाजारों में लगातार तीसरे दिन शुक्रवार को गिरावट का रुख बना रहा और प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 60,000 अंक से नीचे आ गया। कारोबारियों ने कहा कि विदेशी पूंजी की निकासी का सिलसिला जारी रहने और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट आने से भी निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई। बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक सेंसेक्स 452.90 अंक यानी 0.75 प्रतिशत गिरकर 59,900.37 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 683.36 अंक तक गिर गया था। एनएसई के सूचकांक निफ्टी में गिरावट का रुख रहा। निफ्टी 132.70 अंक यानी 0.74 प्रतिशत नुकसान के साथ 17,859.45 अंक पर बंद हुआ।

सेंसेक्स में शामिल शेयरों में से आईटी दिग्गज टाटा कंसल्टेंसी र्सिवसेज को सर्वाधिक 2.97 प्रतिशत का नुकसान उठाना पड़ा। बजाज फिनसर्व, इंडसइंड बैंक, टेक मंिहद्रा, बजाज फाइनेंस, कोटक मंिहद्रा बैंक, इंफोसिस और टाटा मोटर्स के शेयर भी घाटे के साथ बंद हुए। बाजार में बिकवाली का इस कदर जोर रहा कि सेंसेक्स की 30 में से सिर्फ पांच कंपनियां ही बढ़त लेने में सफल हो पाईं। मंिहद्रा एंड मंिहद्रा, रिलायंस इंडस्ट्रीज, नेस्ले, आईटीसी और लार्सन एंड टुब्रो के शेयरों में 1.06 प्रतिशत तक की तेजी रही। इस तरह नए साल के पहले सप्ताह में ही शेयर बाजारों को नुकसान उठाना पड़ा। साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स 940.37 अंक यानी 1.55 प्रतिशत गिर गया जबकि निफ्टी में 245.85 अंक यानी 1.36 प्रतिशत की गिरावट रही।

जियोजीत फाइनेंशियल र्सिवसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक का ब्योरा आने से आगे भी सख्त मौद्रिक नीतियां अपनाने के संकेत मिले हैं और इसने निवेशकों की जोखिम धारणा पर चोट पहुंचाई है। विदेशी निवेशकों की बिकवाली से बाजार पहले ही संवेदनशील बने हुए थे। इस बीच आईटी शेयरों में तगड़ी गिरावट देखी गई। जूलियस बेअर इंडिया के कार्यकारी निदेशक मिंिलद मुचाला ने कहा, भारतीय शेयर बाजारों ने नए साल की शुरुआत थोड़ी सतर्कता के साथ की है। हालांकि यह दिसंबर से जारी वैश्विक रुझान के अनुरूप ही है। निकट अवधि में भारतीय बाजारों को कुछ गतिरोधों का सामना करना पड़ सकता है। बीएसई का स्मालकैप सूचकांक 0.73 प्रतिशत गिर गया। मिडकैप सूचकांक भी 0.72 प्रतिशत के नुकसान में रहा। एशिया के अन्य बाजारों में सोल, टोक्यो और शंघाई के सूचकांक

बढ़त के साथ बंद हुए जबकि हांगकांग का सूचकांक नुकसान में रहा। यूरोप के शेयर बाजारों में कारोबार मिला-जुला रहा। अमेरिकी बाजार बृहस्पतिवार को गिरावट पर रहे थे। अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.15 प्रतिशत चढक़र 78.81 डॉलर प्रति बैरल हो गया। इस बीच, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) का भारतीय बाजारों से निकासी का सिलसिला कायम है। शेयर बाजार में उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने शुक्रवार को 2,902.46 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की थी।

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