शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी जी को अर्पित किया जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी जी की पूरी विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की जाती है। कुछ लोग मां लक्ष्मी जी का आशीर्वाद पाने के लिए उपवास भी रखते है। माना जाता है कि इस दिन मां लक्ष्मी जी की पूजा अर्चना करने से उनका आशीर्वाद आप पर हमेशा बना रहता है और जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं आती। लेकिन क्या आप जानते है कि इस दिन श्री लक्ष्मी चालीसा पाठ करने से भी बहुत से लाभ भी मिलते है। आइए जानते है:
माता लक्ष्मी की पूजा करना जितना आवश्यक होता है, उतना ही पूजा घर और मुख्य द्वार की साफ सफाई करनी भी जरूरी होती है. इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. पूजा के समय माता लक्ष्मी को खीर, बताशा आदि का भोग लगा सकते हैं. यदि आपने घर या पूजा स्थान पर श्रीयंत्र की स्थापना कर रखी है तो नियमित रूप से उसका पूजन और आरती करना चाहिए. श्रीयंत्र में माता लक्ष्मी का वास माना जाता है.
शुक्रवार को आप व्रत रखकर अपने कमजोर शुक्र ग्रह को मजबूत कर सकते हैं. शुक्र ग्रह को मजबूत करने का सबसे आसान उपाय है कि आप सफेद वस्त्र पहनें, सुगंधित पदार्थों और सौदर्य सामग्री का उपयोग करें. इसके साथ ही आप सफेद वस्तुओं का दान करें. इसमें शक्कर, सफेद वस्त्र, चावल, सौदर्य सामग्री आदि शामिल हैं. शुक्र के बीज मंत्र का जाप भी फायदेमंद होता है. आज के पंचांग से जानते हैं सूर्योदय, चंद्रोदय, शुभ मुहूर्त, अशुभ समय, दिशाशूल, राहुकाल आदि.
अशुभ समय (अशुभ मुहूर्त)
दुष्टमुहूर्त– 09:16:35 से 10:00:48 तक, 12:57:41 से 13:41:54 तक
कुलिक– 09:16:35 से 10:00:48 तक
कंटक– 13:41:54 से 14:26:08 तक
राहु काल– 11:29 से 12:53 तक
कालवेला/अर्द्धयाम– 15:10:21 से 15:54:34 तक
यमघण्ट– 16:38:47 से 17:23:00 तक
यमगण्ड– 15:21:24 से 16:44:19 तक
गुलिक काल– 08:39 से 10:04 तक