शिमला : हिमाचल में पर्यटन कोरोना के झंझावातों से बाहर निकल गया है। कोरोना संकट काल में साल 2020 और 2021 में संक्रमण काल से गुजरने के बाद मंदी के दौर में पहुंच गया पर्यटन उद्योग अब फिर कुलांचे भरने लगा है। राज्य में साल 2020 के मुकाबले बीते दिसंबर माह तक पर्यटकों की आमद में 167 फीसद से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। प्रदेश विधान सभा में वीरवार को प्रस्तुत किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में यह खुलासा हुआ है। साल 2020 देश व प्रदेश में कोरोना संकट। 24 मार्च 2020 को जनता कर्फ्यू लागू किया गया। इस दौरान हिमाचल विधान सभा का बजट सत्र चल रहा था। मगर कोरोना संक्रमण के दो मामले प्रदेश के कांगड़ा जिला में रिपोर्ट हो चुके थे। लिहाजा जनता कर्फ्यू से एक रोज पहले हिमाचल विधान सभा के बजट सत्र को अनिश्चित काल के लिए स्थिगत कर दिया गया।
इसके बाद कर्फ्यू व लॉक डाउन का दौर चला। वाहनों के पहिया थम गए। कोरोना के खौफ के चलते प्रदेश में सैलानियों की आमद लगातार घटी। प्रदेश में साल 2020 में महज 32.13 लाख सैलानी आए। इनमें से 43 हजार विदेशी थे। 2019-20 के मुकाबले प्रदेश में सैलानियों की आमद 81 फीसद कम हुई। मगर कोरोना संक्रमण के थमने व धीरे-धीरे कम होने के बाद 2021 में राज्य में 56.37 व 2022 में 150.99 लाख सैलानी पहुंचे। सैलानियों की आमद बढ़ने से पर्यटन कारोबार पटरी पर आया है।
मगर केंद्र सरकार की कारोबारियों को ब्याज में रियायत देने के मकसद से प्रारंभ की गई इंटरैस्ट सबवेंनशन स्कीम का फायदा अधिकांश कारोबारियों को न होने से उनका बीते सालों का घाटा पूरा नहीं हो पा रहा। आर्थिक सर्वेक्षण में खुलासा किया गया है कि पर्यटन विभाग ने उक्त योजना के तहत 147 केस भेजे थे। मगर महज 37 पर्यटन इकाईयों को ही 39 लाख 29 हजार से अधिक की राहत योजना के तहत मिली।
हिमाचल देश के 10 राज्यों में भी शामिल नहीं
केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक पर्यटकों की आमद व पसंद के मामले में हिमाचल देश के चोटी के 10 राज्यों में भी शामिल नहीं है। लिहाजा केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की रिपोर्ट के मद्देनजर सरकार को पर्यटन विकास के लिए कारगर व ठोस नीति बनाने बारे सोचने की दरकार है।