लखनऊः उत्तर प्रदेश सरकार ने लघु व सीमांत किसानों को राहत देते हुए लघु सिंचाई विभाग के तहत हर खेत को पानी देने के लिए पुराने आदेश में कई संशोधन किए हैं। मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना के क्रियान्वयन के तहत प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के घटक ‘हर खेत को पानी’ अभियान के लिए मध्यम गहरे नलकूप व गहरे नलकूप से जुड़े प्रावधानों में सरकार ने बड़े बदलाव किए हैं। मध्यम गहरे नलकूपों में बोरिंग पर अब योगी सरकार 1.75 लाख रुपये प्रदान करेगी। पहले यह राशि महज 75 हजार रुपये थी। वहीं, गहरे नलकूपों पर बोरिंग में भी यह राशि एक लाख से बढ़ाकर 2.65 लाख रुपये कर दी गई है।
आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को बताया कि इससे पहले लघु-सीमांत किसानों को बोरिंग के लिए जहां 75 हजार रुपए दिए जाते थे, अब इस राशि को बढ़ाकर 1.75 लाख रुपए कर दिया गया है। जल वितरण प्रणाली के लिए पहले 10 हजार दिए जाते थे जो अब 14 हजार रुपए कर दिया गया है। हालांकि नलकूपों पर अलग से विद्युतिकरण के लिए तय राशि अब भी 68 हजार रुपए ही रहेगी। सामान्य श्रेणी के किसानों को नलकूपों की स्थापना के लिए अब 2.57 लाख रुपए मिलेंगे, जबकि पहले यह राशि 1.53 लाख थी। अनुसूचित जाति-जनजाति श्रेणी के किसानों का भी योगी सरकार ने पूरा ध्यान रखा है, इनके नलकूपों पर अनिवार्य रुप से 5 हार्सपावर के सौर ऊर्जा चालित पंप की स्थापना पर 3.85 लाख रुपए का अनुदान मिलेगा।
अनुसूचित जाति के श्रेणी के किसानों को नलकूपों पर अधिकतम 5.74 लाख रुपए का अनुदान प्राप्त होगा। पहले यह राशि 4.70 लाख रुपए थी। सूत्रों के अनुसार गहरे नलकूपों में लघु-सीमांत कृषकों को बोरिंग के लिए अब 2.65 लाख रुपए दिए जाएंगे। पहले यह राशि एक लाख रुपये थी। जल वितरण प्रणाली के लिए राशि 10 हजार से बढ़ाकर 14 हजार रुपए की गई है। सामान्य श्रेणी के किसानों के लिए नलकूपों पर विद्युतीकरण के लिए अनुदान राशि पूर्ववर्ती 68 हजार ही रहेगी। हालांकि सामान्य श्रेणी के नलकूपों पर 3.47 लाख रुपए का अनुदान होगा। यह राशि पहले 1.78 लाख रुपए थी।
अनुसूचित जाति-जनजाति के किसानों के नलकूपों पर 5 हार्स पावर के सौर ऊर्जा चालित पंप की स्थापना की जाएगी। इस पर 3.85 लाख रुपए का अनुदान होगा। अनुसूचित जाति के श्रेणी के किसानों के नलकूपों पर अधिकतम 6.64 लाख रुपए अनुदान प्राप्त होगा। यह राशि पहले 4.95 लाख रुपए थी। सोलर पंप की खरीदारी यूपी नेडा व इससे पंजीकृत वेंडरों व जेम पोर्टल के जरिए किया जाएगा। वहीं योजना में महिला किसानों के चयन को वरीयता भी दी जाएगी।