वाशिंगटन : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिजिटल सार्वजनिक ढांचे (डीपीआई) के प्रारूप को समावेशी बताते हुए कहा है कि यह देशों की विकास प्रक्रियाओं को गति देने और अधिकतम लाभ पहुंचाने में मददगार हो सकते हैं। सीतारमण ने शुक्रवार को यहां मुद्राकोष की तरफ से डीपीआई पर आयोजित एक परिचर्चा में कहा कि कहा कि सरकार के साथ निजी क्षेत्र की भी भागीदारी से विकसित डीपीआई मजबूत, समावेशी, जुझारू एवं टिकाऊ आर्थिक वृद्धि हासिल करने में अहम भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में भारत में डीपीआई ने लक्षित, त्वरित एवं सक्षम सेवा देने में बड़ा योगदान दिया है।
इन डिजिटल बुनियादी ढांचों से भारत आबादी के बड़े हिस्से तक प्रत्यक्ष लाभ पहुंचाने में सफल रहा है। इस अवसर पर आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलिना जॉर्जीवा ने कहा कि सरकारी एवं निजी क्षेत्रों के सहयोग से तैयार डीपीआई पहुंच से बाहर के लोगों तक पहुंचने के लिए विकास को बहुत तेज कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस दिशा में भारत जैसे देशों के अनुभवों से सबक लिया जा सकता है। इंफोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणि ने कहा कि भारत में डीपीआई के सफल होने के पीछे राजनीतिक इच्छाशक्ति एक बड़ा कारण रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री सीतारमण कोई भी सार्वजनिक नीति लागू करते समय उसे डिजिटल ढंग से अंजाम देने पर अधिक जोर देते हैं।