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NCDEX ने इसबगोल बीज का वायदा अनुबंध शुरू किया

मुंबई : नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) ने बुधवार को इसबगोल के बीज का वायदा अनुबंध शुरू करते हुए गुजरात के उंझा को इसका वितरण केंद्र बनाया है। एनसीडीईएक्स ने बयान में कहा, अनुबंध मई से अगस्त, 2023 तक चार माह में व्यापार के लिए उपलब्ध हैं, और एक्सचेंज अनुबंध शुरू करने वाले कैलेंडर.

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मुंबई : नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) ने बुधवार को इसबगोल के बीज का वायदा अनुबंध शुरू करते हुए गुजरात के उंझा को इसका वितरण केंद्र बनाया है। एनसीडीईएक्स ने बयान में कहा, अनुबंध मई से अगस्त, 2023 तक चार माह में व्यापार के लिए उपलब्ध हैं, और एक्सचेंज अनुबंध शुरू करने वाले कैलेंडर के अनुसार नए अनुबंध बाद में जोड़ देगा।

एनसीडीईएक्स के मुख्य कारोबार अधिकारी, कपिल देव ने कहा ने कहा, ‘‘विदेशी निर्यात खेप में वृद्धि के साथ इसबगोल भारत की कृषि निर्यात वस्तुओं में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। निर्यातकों और व्यापारियों के लिए इस कृषि उपज के उतार-चढ़ाव भरे वातावरण में मूल्य जोखिम का प्रबंधन करने के लिए समान रूप से मजबूत तंत्र होना जरूरी था।’’

बयान में कहा गया है कि इसबगोल बीज अनुबंध एक अनिवार्य वितरण-आधारित अनुबंध होगा और उंझा आधार केंद्र पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को छोड़कर इसमें गोदाम में कीमतों पर कारोबार किया जाएगा और इसकी दैनिक मूल्य सीमा छह प्रतिशत होगी। एनसीडीईएक्स ने कहा कि भारत सालाना 1,50,000 से 2,00,000 टन इसबगोल के बीज का उत्पादन करता है, जो वैश्विक उत्पादन का 80 प्रतिशत है। गुजरात देश के इसबगोल उत्पादन में 80 प्रतिशत का योगदान देता है। इसके बाद राजस्थान और मध्य प्रदेश का स्थान है।

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