चीनी स्टेट काउंसलर और विदेश मंत्री छिन कांग ने 4 मई को भारतीय राज्य गोवा में एससीओ विदेश मंत्री परिषद की बैठक में भाग लेने के दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की। छिन कांग ने कहा कि दुनिया में सबसे बड़ी आबादी वाले दो विकासशील देशों के रूप में, चीन और भारत दोनों आधुनिकीकरण को पूरा करने के एक महत्वपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं। हमें इतिहास से सबक लेते हुए द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से देखना चाहिए। आपसी सम्मान, एक-दूसरे से सीखकर और एक-दूसरे का समर्थन करके, बड़े पड़ोसी देशों के लिए शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व, शांतिपूर्ण विकास और सामान्य पुनरुत्थान का एक नया रास्ता बनाना चाहिए, ताकि अपने-अपने राष्ट्रीय पुनरुत्थान में योगदान दिया जा सके और दुनिया के शांतिपूर्ण विकास में स्थिरता और सकारात्मक ऊर्जा लायी जा सके।
छिन कांग ने यह भी कहा कि वर्तमान में, चीन-भारत सीमा की स्थिति सामान्य रूप से स्थिर बनी हुई है। दोनों पक्षों को दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के महत्वपूर्ण समान विचारों को लागू कर प्राप्त हुई उपलब्धियों को मजबूत करना, प्रासंगिक समझौतों का सख्ती से पालन करना, सीमा की स्थिति को और अधिक शिथिल बनाना और एक साथ सीमांत क्षेत्र की निरंतर शांति व अमन चैन की सुरक्षा करनी चाहिए।
वहीं, भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत और चीन को कई पहलुओं में सहयोग बढ़ाने की जरूरत है। भारत सीमा क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए चीन के साथ परामर्श जारी रखने के लिए आशान्वित है। आगे छिन कांग ने कहा कि चीन एससीओ शिखर सम्मेलन आयोजित करने के लिए भारत का समर्थन करता है। आशा है कि अध्यक्ष देश के रूप में भारत एकजुटता और समन्वय की भावना के साथ इस शिखर सम्मेलन की सफलता में सकारात्मक भूमिका निभाएगा।
(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)