नयी दिल्ली : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मद्रास देशभर की शीर्ष निर्माण कंपनियों के साथ साझेदारी कर रहा है, ताकि पारंपरिक तकनीकों की तुलना में विभिन्न निर्माण सामग्री की बर्बादी को कम करने वाली ‘लीन कंस्ट्रक्शन’ तकनीक को लागू किया जा सके। साथ ही इस तकनीक के जरिये निर्माण कार्य की अवधि कम करने में भी सहायता मिलती है। लीन कंस्ट्रक्शन, ऐसी तकनीक है, जो निर्माण के दौरान आठ प्रकार की हानि- अति उत्पादन, भंडारण, त्रुटियां, आवागमन, अति-प्रसंस्करण, प्रतीक्षा समय, परिवहन और मानव श्रम- को कम करने के लिए अनुकूलित है।
अधिकारियों के अनुसार, निर्माण प्रक्रिया की खामी और अपर्याप्त योजना के कारण निर्माण परियोजनाओं में अक्सर देरी होती है। साथ ही निर्माण से जुड़ी हानि के कारण आंशिक रूप से बजट प्रभावित हो जाता है। आईआईटी मद्रास में सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर कोशी वर्गीस ने कहा, ‘‘भारत बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में वृद्धि के दौर से गुजर रहा है। परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए, उनसे जुड़े मानव संसाधन, प्रक्रिया और उपयोग होने वाली प्रौद्योगिकी का उचित उपयोग किया जाना चाहिए। ‘लीन कंस्ट्रक्शन’ दृष्टिकोण का उपयोग करके, इन तत्वों को एकीकृत और संरेखित किया जाता है, जिससे परियोजना की सफलता की संभावना बढ़ जाती है।’’