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एशियाई खेलों के ट्रायल विजेताओं ने World Championship के ट्रायल की तैयारी के लिए 20 अगस्त तक मांगा समय

नई दिल्लीः एशियाई खेलों के लिए हाल में हुए ट्रायल में जीत दर्ज करने वाले पहलवानों ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के तदर्थ पैनल और खेल मंत्रलय से आग्रह किया है कि वे 20 अगस्त से पहले विश्व चैंपियनशिप के ट्रायल नहीं कराएं। इन पहलवानों का कहना है कि वजन घटाने की पीड़ादायक और थकाऊ.

नई दिल्लीः एशियाई खेलों के लिए हाल में हुए ट्रायल में जीत दर्ज करने वाले पहलवानों ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के तदर्थ पैनल और खेल मंत्रलय से आग्रह किया है कि वे 20 अगस्त से पहले विश्व चैंपियनशिप के ट्रायल नहीं कराएं। इन पहलवानों का कहना है कि वजन घटाने की पीड़ादायक और थकाऊ प्रक्रिया को दोहराने से बड़ी प्रतियोगिता से पहले चोटें लग सकती हैं। बाइस जुलाई को हुए ट्रायल में विश्व चैंपियनशिप की पदक विजेता सरिता मोर को हराकर उलटफेर करने वाली मानसी अहलावत (महिला 57 किग्रा), विशाल कालीरमन (पुरुष 65 किग्रा), अमन सहरावत (पुरुष 57), पूजा गहलोत (महिला 50 किग्रा), विक्की (पुरुष 92 किग्रा), सुनील (ग्रीको रोमन 87 किग्रा) और नरिंदर चीमा (ग्रीको रोमन 97 किग्रा) सभी ने यह आग्रह किया है।

अंतिम पंघाल (53 किग्रा), राधिका (62 किग्रा) और किरण (76 किग्रा) ने भी अधिकारियों को पत्र लिखा है। इस पत्र की प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी भेजी गई है। भुपेंद्र सिंह बाजवा की अगुआई वाले आईओए तदर्थ पैनल के एशियाई खेलों के ट्रायल की तारीख और पात्रता की घोषणा में विलंब से दावेदार संशय में थे और इससे उनका प्रदर्शन भी प्रभावित हुआ। विश्व चैंपियनशिप के ट्रायल 10 अगस्त तक होने की उम्मीद थी जिससे एशियाई खेलों की चयन स्पर्धा में हिस्सा लेने वाले पहलवानों को एक और कड़े मुकाबले की तैयारी के लिए लगभग 17 दिन का समय मिलता।

पत्र के अनुसार पहलवानों ने कहा, कि ‘वजन कम करने से हमारे प्रदर्शन और स्वास्थ्य पर असर पड़ता है और इससे चोट लगने की संभावना बढ़ जाती है। हमने अभी एशियाई खेलों के ट्रायल के लिए अपना वजन कम किया है और अब 10-15 दिनों के भीतर दोबारा वजन कम करना (एशियाई खेलों के ट्रायल के लिए) और ट्रायल में प्रतिस्पर्धा करना हमारे लिए संभव नहीं होगा।’’ विशेषज्ञों के अनुसार वजन कम करने के प्रभाव और इसके बाद प्रतियोगिता के असर से उबरने में शरीर को कम से कम 10 दिन का समय लगता है।

एक कोच ने कहा, कि ‘प्रतियोगिता से एक सप्ताह पहले और एक सप्ताह बाद एक पहलवान की दिनचर्या अलग-अलग होती है। वजन घटाने का प्रबंधन एक बिल्कुल अलग तरह का प्रशिक्षण है। यदि आप केवल वजन पर ध्यान केंद्रित रखेंगे तो आप मजबूती और मैट ट्रेनिंग जैसे अन्य पहलुओं पर कब काम करेंगे।’’ उन्होंने कहा, कि ‘आदर्श स्थिति में उन्हें दोबारा ट्रायल नहीं देना चाहिए और वह भी इतने कम समय के भीतर।’’ विश्व चैंपियनशिप का आयोजन सर्बिया के बेलग्राद में 16 से 24 सितंबर तक होना है। वैश्विक संचालन संस्था को प्रविष्टियां भेजने की अंतिम तारीख 16 अगस्त है। तदर्थ पैनल के सदस्य ज्ञान सिंह पहले ही कह चुके हैं कि विश्व चैंपिनशिप ट्रायल के लिए किसी पहलवान को छूट नहीं दी जाएगी जिसका मतलब है कि साक्षी मलिक, जितेंदर किन्हा, संगीता फोगाट और सत्यव्रत कादियान को भी ट्रायल में हिस्सा लेना होगा।

इन चारों ने एशियाई खेलों के ट्रायल के हिस्सा नहीं लिया क्योंकि हांगझोउ में होने वाले खेलों के लिए सिर्फ बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को ही सीधे प्रवेश दिया गया। गैर ओलंपिक वजन वर्ग में खुला ट्रायल होगा जहां सभी पात्र पहलवानों को प्रतिस्पर्धा पेश करने की स्वीकृति होगी। सभी के लिए वजन में दो किग्रा की छूट होगी। पुरुषों की फ्री स्टाइल में गैर ओलंपिक वजन वर्ग 61 किग्रा, 70 किग्रा, 79 किग्रा और 92 किग्रा हैं जबकि महिलाओं की कुश्ती में ये वर्ग 55 किग्रा, 59 किग्रा, 65 किग्रा और 72 किग्रा हैं। ग्रीको रोमन शैली में 55 किग्रा, 63 किग्रा, 72 किग्रा और 82 किग्रा ओलंपिक वर्ग नहीं हैं।

तीनों शैलियों में छह-छह ओलंपिक वजन वर्ग में प्रत्येक में पांच पहलवानों के बीच प्रतिस्पर्धा होने की संभावना है जिसमें एशियाई खेलों के ट्रायल में शीर्ष चार में रहने वालों के अलावा छह आंदोलनकारी पहलवानों में से एक शामिल है। पैनल ने हालांकि अभी विश्व चैंपियनशिप ट्रायल के लिए तारीख और पात्रता की घोषणा नहीं की है।

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