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शुक्र ग्रह का सदुपयोग कर सर्वगुणसम्पन्न ब्राह्मण बनना ही धर्म की सार्थकता व समयानुकूल आवश्यकता है- पंडित राजीव शर्मा

धर्मशाला– देवभूमि हिमाचल की धौलाधार की पवित्र, पावन पर्वतीय श्रृंखला में बसे शहर धर्मशाला के होटल धौलाधार में 70 वे अखिल भारतीय सरस्वती ज्योतिष सम्मेलन का शुभारम्भ पर पवित्र ज्योति प्रज्वलन व मंगलाचरण के साथ हुआ। इस अवसर अखिल भारतीय सरस्वती ज्योतिष मंच के संस्थापक अध्यक्ष व संचालक पंडित राजीव शर्मा, वैदिक ज्योतिष विशेषज्ञ अजय.

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धर्मशाला– देवभूमि हिमाचल की धौलाधार की पवित्र, पावन पर्वतीय श्रृंखला में बसे शहर धर्मशाला के होटल धौलाधार में 70 वे अखिल भारतीय सरस्वती ज्योतिष सम्मेलन का शुभारम्भ पर पवित्र ज्योति प्रज्वलन व मंगलाचरण के साथ हुआ। इस अवसर अखिल भारतीय सरस्वती ज्योतिष मंच के संस्थापक अध्यक्ष व संचालक पंडित राजीव शर्मा, वैदिक ज्योतिष विशेषज्ञ अजय भाम्बी, संरक्षक विक्रान्त शर्मा, पंडित अक्षय शर्मा, युवा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष पंडित विपन शर्मा, पंडित भोला नाथ द्विवेदी, विमल पाहुजा, गीतांजलि शर्मा, मीनू शर्मा व अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

सम्मेलन के प्रथम सत्र की अध्यक्षता करते हुए वैदिक ज्योतिष विशेषज्ञ अजय भाम्बी ने कहा कि बृहस्पति ग्रह ज्ञानदाता पर ज्ञान वैमनस्य में ज्ञान सीमित दायरे तक रखने में अहम को बढ़ाता भी है । उन्होंने कहा कि ज्योतिष एक विज्ञान है। इसकी गणना के पश्चात मिले परिणामों के अनुरूप समयानुकूल उपायों के साथ साथ उनका प्रचार- प्रसार होना चाहिए, ताकि जहां जातक का भला हों वहीं समाज व राष्ट्रोंत्थान कार्यों में भी सहभागिता बनी रहे।

आगामी 30 जुलाई तक चलने वाले उक्त सम्मेलन के दौरान राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त ज्योतिषाचार्य, ज्योतिष जिज्ञासु, लाल किताब विशेषज्ञ, कर्मकांडी, वास्तु, रंग, रत्न विशेषज्ञ, लेखक व अन्य बुद्धिजीवियों का पुष्पित अभिनंदन किया गया। इस दौरान विभिन्न ज्योतिषिय विद्याओ के बारे में चर्चा भी की गई।

मंच के संस्थापक अध्यक्ष पंडित राजीव शर्मा ने ग्रहों के आंकलन व किताबी ज्ञान को सार्थकता देने का अभियान मंच द्वारा ज्योतिष उत्थान कार्य 1995 मे सिद्ध पीठ जालंधर की पवित्र धरती से शुरू किया गया था, जो निर्बाध रूप से जारी है। उन्होंने पूर्व में प्रचलित गरीब ब्राह्मण प्रकरण के संबंध में चर्चा करते हुए कहा कि शुक्र ग्रह का सदुपयोग कर सर्वगुणसम्पन्न ब्राह्मण बनना ही धर्म की सार्थकता व समयानुकूल आवश्यकता है। उन्होंने शुक्र ग्रह सबंधी विभिन्न पहलुयो की प्रमाण सहित विवेचन भी किया।

मंच संचालन करते हुए पंडित अक्षय शर्मा ने कहा कि हर ग्रह का मानवीय जीवन पर प्रभाव, जरूरत उसके सही आँकलन व शोध की। उन्होंने विभिन्न विद्वानों के शब्दों के सूक्ष्म विवेचन करते हुए सम्मेलन की सार्थकता प्रदान की।

इस सम्मेलन के दौरान लाल किताब अमृत के संचालक पंडित जी ड़ी वशिष्ठ, पंडित राजीव शर्मा, अजय भांबी (वैदिक ज्योतिष विशेषज्ञ, दिल्ली), पंडित मुकेश शर्मा (फरीदाबाद), विपन शर्मा ज्वाली, गीतांजलि शर्मा (चंडीगढ़), सीमा पुंज, रुचि तंवर, दया नंद साबरी, खुशवंत मठारु, एस. एल मल्होत्रा, हरमिंदर, हीना अग्रवाल, रमा, सतबीर कासवान व अन्य विभिन्न विषयों पर अपने शोधपत्रों के माध्यम से चर्चा करेगे। इस दौरान विभिन्न विषयों की तथ्यात्मक विवेचना भी की जायेगी।

मंगलाचारण के अवसर पर आचार्या कैलाश चमोली, पं. गौतम द्विवेदी, पं. सुनील शर्मा, राकेश जैन, जतिंदर कपूर, सुमनिंदर कपिला, पंकज चंदेल, कीमती लाल, दीपक शर्मा, अरुण कुमार, अजय कुमार, पं. राम शास्त्री, खुशवंत सिंह, विजय कुमार अन्य कर्मकाण्डी व स्वागत समिति के सदस्य उपस्थित रहे। इस 3 दिवसीय सम्मेलन के दौरान आगामी वर्ष 2024 मे भारत की राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक स्थिति, वास्तु, लाल किताब, वैदिक ज्योतिष, अंक, तंत्र, परा-विज्ञान, टैरो कार्ड के माध्यम से जातक की स्थिति के आंकलन, उसके उपायों सबंधी 4 विशेष सत्र होंगे।

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