मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद हटाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई टली 

प्रयागराज (उप्र): इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कृष्ण जन्मभूमि पर कथित तौर पर निíमत मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई बुधवार को टाल दी। मुख्य न्यायाधीश प्रीतिकर दिवाकर और न्यायमूíत आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने महक माहेश्वरी नाम की महिला की जनहित याचिका पर सुनवाई की अगली तिथि.

प्रयागराज (उप्र): इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कृष्ण जन्मभूमि पर कथित तौर पर निíमत मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई बुधवार को टाल दी। मुख्य न्यायाधीश प्रीतिकर दिवाकर और न्यायमूíत आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने महक माहेश्वरी नाम की महिला की जनहित याचिका पर सुनवाई की अगली तिथि चार सितंबर, 2023 निर्धारित की।
इस जनहित याचिका में यह आरोप लगाते हुए शाही ईदगाह मस्जिद हटाने की मांग की गई है कि मस्जिद कृष्ण के जन्मस्थल पर बनी है। याचिकाकर्ता ने मांग की है कि यह जमीन हिन्दुओं को सौंपी जाए और कृष्ण जन्मभूमि पर एक मंदिर के निर्माण के लिए एक उचित न्यास का गठन किया जाए।  एक अंतरिम याचिका में याचिकाकर्ता ने इस याचिका का निस्तारण होने तक ंिहदुओं को सप्ताह के कुछ निश्चित दिवसों और जन्माष्टमी त्यौहार के दौरान शाही ईदगाह मस्जिद में पूजा अर्चना की अनुमति दिए जाने की भी मांग की है।
याचिकाकर्ता का आरोप है कि भगवान कृष्ण का जन्म राजा कंस के कारागार में हुआ था जो शाही ईदगाह ट्रस्ट द्वारा खड़े किए गए मौजूदा ढांचे के नीचे मौजूद है, इसलिए अदालत की निगरानी में विवादित ढांचे का भारतीय पुरातत्व सव्रेक्षण (एएसआई) द्वारा उत्खनन कराया जाना चाहिए।  याचिकाकर्ता ने दलील दी कि मस्जिद इस्लाम का आवशय़क अंग नहीं है, इसलिए विवादित स्थल को हिन्दुओं को सौंप दिया जाना चाहिए ताकि वे संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत अपने धर्म का पालन और प्रचार प्रसार कर सकें।
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