“चीन द्वारा विदेशी देशों के साथ प्रत्यर्पण संधि के संपन्न होने के 30 वर्ष”संगोष्ठी आयोजित”

“चीन द्वारा विदेशों के साथ प्रत्यर्पण संधि के संपन्न होने के 30 वर्ष”संगोष्ठी 26 अगस्त को पेइचिंग में आयोजित हुई। इस संगोष्ठी में चीन द्वारा अनुबंध और प्रत्यर्पण में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में पिछले 30 वर्षों में प्राप्त अनुभव और उपलब्धियों का सारांश किया गया। यहां उपस्थित प्रतिभागियों ने सहमति जतायी कि चीन ने अंतर्राष्ट्रीय अभ्यास.

“चीन द्वारा विदेशों के साथ प्रत्यर्पण संधि के संपन्न होने के 30 वर्ष”संगोष्ठी 26 अगस्त को पेइचिंग में आयोजित हुई।
इस संगोष्ठी में चीन द्वारा अनुबंध और प्रत्यर्पण में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में पिछले 30 वर्षों में प्राप्त अनुभव और उपलब्धियों का सारांश किया गया। यहां उपस्थित प्रतिभागियों ने सहमति जतायी कि चीन ने अंतर्राष्ट्रीय अभ्यास के अनुरूप और चीनी विशेषताओं के साथ एक प्रत्यर्पण प्रणाली प्रारंभिक रूप से बनाई है।

चीनी विदेश मंत्रालय के संबंधित अधिकारी ने चीन की प्रत्यर्पण प्रणाली के विकास के इतिहास की व्यापक समीक्षा की। साथ ही, वर्तमान स्थिति के तहत विदेशों के साथ प्रत्यर्पण सहयोग में चीन के सामने मौजूद चुनौतियों का विश्लेषण किया और संबंधित सुझाव पेश किए।

संगोष्ठी में भाग लेने वाले विशेषज्ञों और विद्वानों ने “प्रत्यर्पण संधि के 30 वर्षों में उपलब्धियाँ और चुनौतियाँ”, “विदेशी अनुबंध और प्रत्यर्पण अभ्यास में कानूनी मुद्दे” और “अंतर्राष्ट्रीय कानून प्रवर्तन और न्यायिक सहयोग की संभावनाएं” तीन विषयों पर गहन रूप से चिचारों का आदान-प्रदान किया और प्रत्यर्पण कार्य में आने वाली कठिनाइयों को कैसे हल किया जाए और अंतरराष्ट्रीय कानून प्रवर्तन और न्यायिक सहयोग की गुणवत्ता और दक्षता में और सुधार कैसे किया जाए, इस पर राय व्यक्त की गई।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

 

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