नई दिल्ली : केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज नई दिल्ली में शिक्षा मंत्रालय, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय और मेटा के बीच 3 साल की साझेदारी “‘एजुकेशन टू एंटरप्रेन्योरशिप’: शुरू की। यह साझेदारी छात्रों, शिक्षकों और उद्यमियों की एक पीढ़ी को सशक्त बनाएगी। मेटा, निस्बड, एआईसीटीई और सीबीएसई के बीच 3 लेटर ऑफ इंटेंट (एलओआई) का आदान-प्रदान किया गया। शिक्षा राज्य मंत्री मती अन्नपूर्णा देवी और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी तथा कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्य मंत्री राजीव चन्द्रशेखर भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
कार्यक्रम में बोलते हुए, धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि आज शुरू की गई पहल भारत को विश्व की कौशल राजधानी बनाने और हमारी अमृत पीढी को सशक्त बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न को आगे बढ़ाने के लिए है। उन्होंने आगे कहा कि ‘एजुकेशन टू एंटरप्रेन्योरशिप’ साझेदारी एक गेम-चेंजर है, जो डिजिटल स्किलिंग को जमीनी स्तर तक ले जाएगी। यह हमारे टैलेंट पूल की क्षमताओं का निर्माण करेगी, छात्रों, युवाओं, कार्यबल और सूक्ष्म-उद्यमियों को भविष्य की टेक्नोलॉजीज़ के साथ सहजता से जोड़ेगी और हमारी अमृत पीढी को नए युग के समस्या समाधानकर्ताओं और उद्यमियों में बदल देगी।
उन्होंने कहा कि भारत के लोकतंत्र, जनसांख्यिकी और विविधता को टेक्नोलॉजी कन्वर्जन से जोड़ा जाना चाहिए ताकि टेक्नोलॉजी पूरे समाज के लिए समतुल्य बन जाए। उन्होंने कहा, एनईपी के सिद्धांतों से प्रेरित होकर, निस्बड, सीबीएसई और एआईसीटीई के साथ मेटा की साझेदारी हमारी आबादी को महत्वपूर्ण डिजिटल स्किल से लैस करने और सूक्ष्म उद्यमियों और छोटे व्यवसायों को सशक्त बनाने के लिए अनंत संभावनाओं को बढ़ावा देगी।
राजीव चन्द्रशेखर ने अपने संबोधन में, इस तेजी से बदलते समय में हमारे युवाओं और कार्यबल को सफल होने और टेक्नोलॉजी और वैश्विक अर्थव्यवस्था के उभरते परिदृश्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए कौशल से लैस करने के लिए तैयार करने पर सरकार के फोकस पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि डिजिटल स्किल, इनोवेशन इकोसिस्टम में कौशल और उद्यमिता का प्रतिनिधित्व करते हुए, अधिक महत्वपूर्ण रूप से लाखों छोटे ग्रामीण, सूक्ष्म और स्व-रोज़गार उद्यमियों के बीच एक ब्रिज का प्रतिनिधित्व करता है, जो उन्हें विस्तार करने, विकास करने और सफल होने में सक्षम बनाता है।